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मॉस्को दौरे पर बोले पीएम, मेक इन इंडिया में रूस भारत का बड़ा साझीदार

रक्षा क्षेत्र में रूस के भारत का सैद्धांतिक साझीदार बने रहने का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया की दिशा में दोनों देश संयुक्त रूप से रक्षा उपकरण भारत में ही बनाएंगे। दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को रूस की राजधानी मॉस्को में प्रधानमंत्री

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2015 10:02 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2015 10:38 AM (IST)
मॉस्को दौरे पर बोले पीएम, मेक इन इंडिया में रूस भारत का बड़ा साझीदार

मॉस्को। आजादी के पहले से ही भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। दो खेमों में विश्व बिरादरी के बंटे होने के दौरान वैसे तो भारत गुट निरपेक्षता की नीति पर चला लेकिन रूस के प्रति भारत का झुकाव तब भी नजर आता था। रूस न केवल रक्षा क्षेत्र में भारत का एक बड़ा साझीदार था बल्कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी समय समय अपना योगदान देता रहा। पीएम मोदी के रूस दौरे में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र का मुद्दा टॉप एजेंडे में शामिल है।

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पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के जितने ही 'भक्त' हैं, उतने ही विरोधी भी

कुडनकुलम का दूसरा संयंत्र भी स्थापित होगा

मोदी ने कहा कि रूस की मदद से भारत सर्वोच्च सुरक्षा मानकों वाले कम से कम 12 परमाणु ऊर्जा प्लांट स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। रूस इस क्षेत्र में अहम साझीदार है। हमारी ऊर्जा सुरक्षा की रणनीति में परमाणु ऊर्जा अहम हिस्सा है। उन्होंने बताया कि मुझे इस बात की खुशी है कि कुडनकुलम नाभिकीय परमाणु ऊर्जा परियोजना ने काम करना शुरू कर दिया है और इसके विस्तार की तैयारी है। रूस के तैयार किए इस परमाणु संयंत्र के दूसरे प्रतिष्ठान को भारत में स्थापित किया जाएगा। हमने कम से कम 12 परमाणु रीएक्टरों के निर्माण का फैसला किया है ताकि परमाणु ऊर्जा को लेकर महत्वाकांक्षी सोच को मूर्तरूप दिया जा सके। इन संयंत्रों के लिए सुरक्षा के सर्वोच्च मानकों का पालन किया जाएगा।

मोदी के सम्मान में रात्रि भोज

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में निजी रात्रि भोज आयोजित किया। इस अनौपचारिक मुलाकात के दौरान दोनों नेता खासे घुलते-मिलते नजर आए। दोनों नेताओं की गुरुवार को क्रेमलिन में 16वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में औपचारिक मुलाकात होने वाली है। इस दौरान दोनों नेता रक्षा और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के कई समझौतों पर दस्तखत करेंगे।

फूलों से भरा बगीचा है भारत : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस पहुंचने से पहले असहिष्णुता पर जारी बहस के संदर्भ में कहा कि भारत बहुत से फूलों से भरा बगीचा है। यहां खुलेपन की प्राचीन परंपरा है। यहां विभिन्न विश्वासों और संस्कृतियों को आदर दिया जाता रहा है। भारत विश्व की उन प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है जहां वसुधैवकुटुंबकम (विश्व को एक परिवार समझना) की परंपरा है। अनंतकाल से यहां प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर चलने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व के सभी प्रमुख धर्मो को मानने वाले लोग रहते हैं। साथ ही यहां 22 आधिकारिक भाषाएं हैं। इसके बावजूद इन विविधताओं के साथ देश एकता के सूत्र में पिरोया हुआ है।


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