PoK से उठी आवाज, दहशतगर्दी अब मंजूर नहीं ; पाक सरकार करे कार्रवाई
नवाज शरीफ पीओके को लेकर बड़े बड़े दावे करते हैं। लेकिन वहां के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के झूठ और फरेब की कहानी अब नहीं चलेगी।
इस्लामाबाद (एएनआई)। पिछले 68 साल से गुलाम कश्मीर(पीओके) के घरों की दहलीज से बाहर न निकलने वाला गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों का दर्द नारों के रूप में फिजा में गूंज रही है। पीओके का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां पाक हुक्मरानों और दहशतगर्दों के खिलाफ लोग खुलेआम न बोल रहे हों। हर तरफ से सिर्फ एक आवाज आ रही है कि अब बहुत हुआ। लोग चीख चीख कर रहे हैं कि अगर तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों के कैंप नहीं बंद किए गए तो वो लोग खुद उन कैंपों को तबाह कर देंगे।
Terrorism needs to be eliminated, giving shelter to terrorists won’t solve the issue: Resident of Kotli (PoK) pic.twitter.com/Iu0dt7hvc5
— ANI (@ANI_news) October 6, 2016
आतंकी कैंपों के खिलाफ उठी आवाज
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चलने वाले आतंकी कैंपों की अब वहां रहने वाले लोग ही पोल खोल रहे हैं। पीओके के विभिन्न हिस्सों में चल रहे इन आतंकी कैंपों के खिलाफ आज स्थानीय लोगों सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आंतकी कैंप चलने से उनकी जिंदगी नर्क हो गयी है।मुजफ्फराबाद, गिलगिट और कोटली में प्रदर्शन कर रहेे स्थानीय लोगों ने खुले तौर पर चुनौती देते हुए कहा, 'यदि लश्कर तैयबा के जिहादी कैंपों को यहां से नहीं हटाया गया तो हम उनपर कार्रवाई करने को मजबूर होंगे।
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पाक सरकार से की कार्रवाई की मांग
पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिल्गिट, डायमर व नीलम घाटी के निवासियों ने कहा कि आतंकी ट्रेनिंग कैंप से जिंदगी नरक के समान हो गयी है। उल्लेखनीय है कि इन्हीं स्थानीय लोगों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनके रिहायशी इलाकों में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को लगाया गया है।
आतंकी कैंपों को हटाने की चाल
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, उड़ी हमले के बाद 16-17 आतंकी कैंपों को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रशिक्षण केंद्रों को अपनी मौजूदा जगह से हटाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शिफ्ट किया गया है। इस काम में पाकिस्तानी आर्मी व इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस की मदद ली गयी है। मानसेहरा व मुज्जफराबाद से चलाए जाने वाले चार आतंकी कैंपों को पाकिस्तानी आर्मी की मदद से शिफ्ट किया गया है।
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पाक-चीन नापाक गठबंधन के खिलाफ बलूची करेंगे प्रदर्शन
गुस्से की आग केवल पीओके तक ही सीमित नहीं है। बल्कि बलूचिस्तान के लोग दुनिया के अलग अलग हिस्सों में पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं। फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट से जुड़े लोगों का कहना है कि सोमवार को चीन और पाकिस्तान के नापाक गठबंधन के खिलाफ वैंकुवर में चीन के कंसुलेट के बाहर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाक सेना लगातार बलूचियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। लेकिन पाक सरकार को ये सब दिखाई नहीं देता है। पाकिस्तान के शासकों को भारत पर आरोप लगाने की आदत बन चुकी है। वो लोग भारत सरकार पर तोहमत लगाते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि आम बलूचियों को बुनियादी अधिकार तक हासिल नहीं हैं।