ISIS के चंगुल से छुड़ाई गई स्वीडन की युवती, सुनाई आतंकी कैंपों की हकीकत
आइएस के चंगुल में फसी स्वीडन की एक नाबालिग युवती ने बताया है कि आइएस के ठिकानों पर रहना कितना मुश्किल है। जानिए कैसे रहते हैं आइएस के आंतकी
नई दिल्ली। इराक और सीरिया में सक्रीय आतंकी संगठन आइएस के कैंप से बचकर निकली स्वीडन की नाबालिक युवती ने दुनिया के सामने आइस की घिनौनी सच्चाई पेश की है।
कुर्दिश टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीडन की रहने वाली युवती ने बताया कि आइएस के ठिकानों में रहना बहुत ही कठिन है। उसने बताया कि वो अपने ब्वॉयफ्रेंड के बहकावे में आकर आइएस के कैंप तक जा पहुंची थी जिसे सेना ने उत्तरी इराक के किसी अज्ञात इलाके से बाहर निकाला।
युवती के मुताबिक साल 2014 के मध्य में स्वीडन के एक स्कूल को छोड़ने के बाद उसकी मुलाकात उसके ब्वॉयफ्रेंड से हुई। युवती के मुताबिक पहले उसके और उसके ब्वॉयफ्रेंड के ताल्लुक बहुत अच्छे थे लेकिन बाद में वो आइएस के वीडियो देखने लगा और उसके बारे में चर्चा करने लगा।
युवती ने बताया कि बाद में उसके ब्वॉयफ्रेंड ने आइएस में शामिल होने की इच्छा जताई और वो भी उसके साथ मई 2015 में सीरिया पहुंच गई। पीड़िता के मुताबिक आइएस के आतंकी उन्हें बस में बिठाकर मौसूल शहर ले आए जहां उन्हें एक ऐसे कमरे में रखा गया जहां बिजली- पानी भी नहीं आता था।
युवती के मुताबकि बड़ी मुश्किलों के बाद उसे एक फोन मिला जिससे उसने अपनी मां से संपर्क किया और वहां से निकालने की गुहार लगाई। युवती फिलहाल इराक के कुर्दिश स्वामित्व वाले इलाके में है और जल्द ही उसे स्वीडिश प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
खूफिया रिपोर्ट के मुताबिक आइस ने जबसे इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा किया तबसे उससे प्रभावित होकर पश्चिमी देशों के सैंकड़ो आइएस में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़कर सीरिया गए हैं।
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