आतंकवाद खत्म करने की पाक की प्रतिबद्धता पर उठे सवाल
एक अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने आतंकियों के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' (आतंकवाद खत्म करने की प्रतिबद्धता) की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया है। मुंबई हमले के गुनहगारों और प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को इसकी वजह बताई गई है।
वाशिंगटन। एक अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने आतंकियों के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' (आतंकवाद खत्म करने की प्रतिबद्धता) की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया है। मुंबई हमले के गुनहगारों और प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को इसकी वजह बताई गई है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि लश्कर ने मुंबई की तर्ज पर भारत में आतंकी वारदात को अंजाम दिया, तो परमाणु युद्ध की स्थिति भी पैदा हो सकती है।
स्टिम्सन सेंटर के सह-संस्थापक और रक्षा विशेषज्ञ माइकल क्रेपॉन ने एक लेख में कहा, पाकिस्तान जीरो टॉलरेंस की नई नीति को पंजाब में कैसे लागू करेगा, जहां लश्कर का गढ़ है? उन्होंने पेशावर हमले के बाद आतंकियों से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा घोषित राष्ट्रीय कार्ययोजना पर भी सवाल उठाया।
बकौल माइकल शरीफ के एलान के बावजूद लश्कर खुलेआम अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। स्कूल पर हमले के तकरीबन तीन सप्ताह पहले ही हाफिज सईद ने पाकिस्तान में विशाल रैली की थी, जिसे पाकिस्तान ने रोकने की कोशिश भी नहीं की। इतना ही नहीं, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को पेशावर हमले के एक दिन बाद ही जमानत भी दे दी गई।