ओबामा की पसंद भारतवंशी प्रीत भरारा ट्रंप को भी भाए
निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें 2009 में न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्टि्रक्ट का अभियोजक बनाया था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में भी भारतवंशी प्रीत भरारा संघीय अभियोजक बने रहेंगे। ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद भरारा ने खुद इसकी पुष्टि की। निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें 2009 में न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्टि्रक्ट का अभियोजक बनाया था। अपनी नियुक्ति के बाद से वह कई बार साबित कर चुके हैं कि बड़े या छोटे सभी अपराधियों से वे एक जैसा सुलूक करते हैं।
इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी करने वाले भरारा की छवि काम के प्रति समर्पित व्यक्ति के तौर पर रही है। इनमें से कई मामले भारतीय और दक्षिण एशियाई मूल के लोगों के रहे हैं। वित्तीय धोखाधड़ी के एक मामले में उन्होंने गोल्डमैन सैक्श के पूर्व निदेशक भारतवंशी रजत गुप्ता को सजा दिलाकर ही दम लिया था। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी मामले की भी उन्होंने ही पैरवी की थी।
ट्रंप से मुलाकात के बाद भरारा ने कहा, 'निर्वाचित राष्ट्रपति ने मुझे मुलाकात करने को कहा, क्योंकि वह न्यूयॉर्क के रहने वाले हैं। हमारे कार्यालय ने पिछले सात सालों में जो काम किए हैं उससे वह अवगत हैं। वह जानना चाहते थे कि मैं अमेरिका का अटॉर्नी बना रहना चाहता हूं कि नहीं, क्योंकि पिछले सात साल में मैंने बिना भय या पक्षपात के स्वतंत्र रूप से काम किया है।'
उन्होंने कहा, 'हमारी मुलाकात अच्छी रही। मैंने कहा कि निश्चित तौर पर पद पर बने रहने पर विचार करूंगा। मैं बने रहने पर सहमत हुआ।' भरारा ने बताया कि ट्रंप द्वारा नियुक्त अटॉर्नी जनरल सीनेटर जेफ सेशंस से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है। उन्होंने भी उनसे अपने पद पर बने रहने को कहा था। न्यूयॉर्क के सीनेटर चार्ल्स शूमर ने इस कदम की प्रशंसा की है। गौरतलब है कि पंजाब के फिरोजपुर में 1968 में पैदा हुए भरारा न्यूजर्सी में पले-बढ़े हैं।
महत्वपूर्ण समितियों में शलभ कुमार
रिपब्लिकन हिंदू कोएलिशन (आरएचसी) के संस्थापक अध्यक्ष शलभ कुमार को ट्रंप ने अपनी सत्ता हस्तांतरण टीम की वित्तीय समिति और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी करने वाली टीम में जगह दी है। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार कुमार ने इसके लिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का आभार जताया है। उन्होंने वित्त मंत्री के लिए ट्रंप की पसंद बने स्टीवन म्यूचिन की भी सराहना की है। कुमार के अनुसार 'अबकी बार, ट्रंप सरकार' विज्ञापन के पीछे भी म्यूचिन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। म्यूचिन के ही न्यूयॉर्क स्थित आवास पर जुलाई में ट्रंप और कुमार की मुलाकात हुई थी। इसी बैठक में इस विज्ञापन को लेकर ट्रंप ने सहमति दी थी। कुमार की बदौलत ही ट्रंप इस बार चुनाव में परंपरागत तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक रहे भारतवंशियों का वोट पाने में कामयाब रहे हैं।
अरबों के कारोबार से अलग होंगे ट्रंप
शपथ लेने से पहले ट्रंप खुद को अरबों डॉलर के व्यवसायिक साम्राज्य से अलग कर लेंगे। इसका विस्तृत ब्यौरा वे 15 दिसंबर को परिवार को साथ संवाददाता सम्मेलन में साझा करेंगे। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा 'मैं अपने कारोबार को पूरी तरह छोड़कर देश चलाने पर ध्यान दूंगा ताकि अमेरिका महान बन सके। हालांकि कानूनी तौर पर मैं ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हूं। लेकिन, बतौर राष्ट्रपति मेरे व्यवसाय और सरकार के बीच हितों का टकराव नहीं होना चाहिए।'
ट्रंप के प्रशासन में भीअभियोजक बने रहेंगे भारतवंशी प्रीत भरारा