पाकिस्तान के कई हिस्से आतंक की पनाहगाह
पाकिस्तान आतंकी पनाहगाहों को लेकर कितनी भी सफाई दे, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग की ताजा रिपोर्ट कुछ और ही बयां करती है। विभाग ने शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान के कई इलाके आतंकियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली बने हुए हैं। रिपोर्ट में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ
वाशिंगटन। पाकिस्तान आतंकी पनाहगाहों को लेकर कितनी भी सफाई दे, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग की ताजा रिपोर्ट कुछ और ही बयां करती है। विभाग ने शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान के कई इलाके आतंकियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली बने हुए हैं। रिपोर्ट में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ पाकिस्तानी कार्रवाई पर भी प्रश्नचिह्न लगाया गया है।
विदेश विभाग की आतंकवाद पर वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के संघ प्रशासित कबायली क्षेत्र (फाटा), पूर्वोत्तर खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान ऐसे आतंकियों की पनाहगाह बने हुए हैं जो स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक हमलों की फिराक में रहते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), लश्कर-ए-झंगवी और अफगान तालिबान जैसे दूसरे आतंकी समूह पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र में अपनी गतिविधियों की योजना के लिए इन पनाहगाहों का फायदा उठाते हैं। लश्कर के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने आतंकी गुट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि देश में इसका संचालन, प्रशिक्षण, रैलियां, दुष्प्रचार एवं धन एकत्र करना जारी है। इसमें कहा गया कि पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के भीतर टीटीपी जैसे संगठनों के खिलाफ अभियान चलाए लेकिन उसने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की।
अमेरिकी विदेश विभाग ने आतंकियों के खिलाफ 2014 में शुरू हुए पाकिस्तानी सैन्य अभियान को लेकर कहा, 'इन अभियानों का टीटीपी की सुरक्षित शरणस्थलियों पर काफी असर हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र में कुछ आतंकी गुट मुख्य रूप से अफगान सीमा से लगे इलाकों में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।' रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में जनसंहारक हथियारों तक आतंकियों के पहुंचने की आशंका, हथियारों का प्रसार और बढ़ता आतंकवाद चिंता का विषय बने हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 'पाकिस्तान परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक की प्रक्रिया और परमाणु आतंकवाद का मुकाबला करने की वैश्विक पहल में रचनात्मक और सक्रिय भागीदार है तथा उसने अपने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण को मजबूत करने का काम किया है।'
आतंकी हमलों का निशाना बना हुआ है भारत
वाशिंगटन। रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि भारत लगातार आतंकी हमलों का लक्ष्य बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत आतंकी हमलों का निशाना बना हुआ है जिनमें माओवादी विद्रोहियों तथा घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय समूहों द्वारा चलाये जाने वाले अभियान शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अधिकारी जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को सहयोग देने के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं। विभाग ने कहा कि हालांकि भारत से बहुत कम लोग आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़े हैं, लेकिन भारत सरकार स्थानीय स्तर पर आइएस के खतरे पर बहुत नजदीक से नजर रख रही है।
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