इजरायल के साथ भारत के रिश्ते का फलस्तीनी छात्रों ने किया विरोध
इजरायल के साथ भारत के रिश्ते से नाराज फलस्तीनी छात्रों ने कड़ा विरोध जताया। यहां अबू दिस विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के विरोध के कारण राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एक कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया।
पूर्वी यरुशलम। इजरायल के साथ भारत के रिश्ते से नाराज फलस्तीनी छात्रों ने कड़ा विरोध जताया। यहां अबू दिस विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के विरोध के कारण राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एक कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया। मुखर्जी फलस्तीन और इजरायल की सरकारी यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति की तीन दिनों की इजरायल यात्रा के दौरान अक्षय ऊर्जा, दोहरा कराधान से मुक्ति, सांस्कृति आदान-प्रदान कार्यक्रम और शिक्षा क्षेत्र सहित कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
अबू दिस विश्वविद्यालय के सभागार में मंगलवार को मुखर्जी के साथ फलस्तीन के प्रधानमंत्री रामी हमादल्ला भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता भारत के हित में है।
प्लेकार्ड लिए सैकड़ों छात्रों ने नारेबाजी की। प्लेकार्ड पर 'आखिर कब्जाधारक का तुम क्यों साथ दे रहे हो भारत' लिखा हुआ था। प्रदर्शन के समय राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय में मानद उपाधि से नवाजा जा रहा था। सम्मान के लिए उन्हें 'नाइट ऑफ पीस' कहा गया। विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के बाद मुखर्जी को जवाहरलाल नेहरू के नाम पर लड़कों के लिए माध्यमिक विद्यालय का उद्घाटन करना था। तनावपूर्ण स्थिति के कारण कार्यक्रम टालना पड़ा। यहां राष्ट्रपति सड़क मार्ग के जरिए इजरायल के लिए रवाना हो गए।
संचार उपकरण बदलेगा भारत
भारत ने फलस्तीनी विश्वविद्यालय को भेंट में दिए गए संचार उपकरण को बदलने की घोषणा की है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिए गए इस उपकरण को सुरक्षा कारणों से इजरायल ने रोक दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'चार संचार उपकारणों में कुछ फ्रीक्वेंसी हैं। इजरायल ने अपने नियमों के तहत इनकी अनुमति नहीं दी। हम उन्हें भिन्न फ्रीक्वेंसी वाले दूसरे संचार उपकरण सौंपेंगे।'