पाकिस्तानियों का सवाल, जाधव को क्यों नहीं मिला कंसुलर एक्सेस
आईसीजे ने कहा कि कुलभूषण जाधव को कंसुलर एक्सेस न देना वियना समझौते का उल्लंघन है और अब पाक में भी यह आवाज उठ रही है कि आखिर यह मदद क्यों नहीं मिली
नई दिल्ली (जेएनएन)। कुछ पाकिस्तानियों ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि उन्हें राजनयिक मदद देने से पाकिस्तान की ओर से क्यों इंकार किया गया। भारत ने इस मुद्दे को आईसीजे के समक्ष रखा।
एक नहीं 16 बार कंसुलर एक्सेस की मांग
भारत की ओर से बताया गया कि कंसुलर एक्सेस के लिए 16 बार आग्रह किया गया लेकिन हर बार पाकिस्तान ने उसे खारिज कर दिया। गुरुवार को आईसीजे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जाधव को सुनाई गई फांसी पर रोक लगा दी थी। गत वर्ष मार्च में जाधव की गिरफ्तारी के बाद से अब तक भारत ने पाकिस्तान से 16 बार जाधव के लिए कंसुलर एक्सेस की मांग की। लेकिन एक बार इस मांग को स्वीकार नहीं किया गया।
पाकिस्तानी मानवाधिकार ने कहा...
डॉन के अनुसार, पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता अस्मा जहांगीर ने कहा, ‘जाधव के कंसुलर एक्सेस से इंकार का विचार किसने दिया। क्या इससे भारतीय जेलों में बंद कैदियों के अधिकारों पर खतरा नहीं बढ़ेगा, क्या कोई अंतर्राष्ट्रीय कानून को बदल सकता है?’ एक पाकिस्तानी वकील ने भी जहांगीर की तरह ही सवाल उठाए।
शुरु से ही देनी थी यह मदद
वकील यासीन लतीफ हमदानी ने दुनिया न्यूज को बताया, 'शुरू से ही कुलभूषण के लिए पाक को यह सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए था। आईसीजे यह बिलकुल नहीं कहता कि जाधव को कंसुलर एक्सेस न मिले।‘
आईसीजे में तुरंत हुई सुनवाई
हेग कोर्ट में भारत द्वारा मामला दर्ज कराने के दस दिनों बाद ही आईसीजे द्वारा किए गए सुनवाई को सही ठहराते हुए हमदानी ने बताया, आईसीजे ने भारत के मामले पर तुंरत सुनवाई इसलिए की क्योंकि पाकिस्तान ने यह भरोसा नहीं दिया कि सुनवाई खत्म होने से पहले वह जाधव को फांसी नहीं देगा। इसलिए कोर्ट ने स्टे दे दिया।
वियना समझौते का उल्लंघन
गुरुवार को आईसीजे ने भारत के साथ सहमत होते हुए यह माना कि कंसुलर एक्सेस न देना वियना समझौते का उल्लंघन है। बता दें कि कोर्ट ने कहा था कि जाधव मामले में अंतिम निर्णय आने तक जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए और किसी भी तरह की दुर्भावना की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने भारत की वियना संधि के तहत मांग को जायज ठहराया था। इस मामले में कोर्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरीश साल्वे ने यह भय जताया कि आईसीजे में सुनवाई के दौरान भी जाधव को फांसी दी जा सकती है।
पाकिस्तान के अनुसार, पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को बलूचिस्तान से मार्च 2016 को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया। 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट ने जासूसी व विध्वंसक गतिविधि के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई। भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वे नेवी से रिटायर होने के बाद अपने बिजनेस में व्यस्त थे।
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