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सऊदी अरब स्थानांतरित हो सकता है अफगान तालिबान का राजनीतिक कार्यालय

लंबित पड़ी शांति वार्ता को शुरू करने के लिए पाकिस्तान अफगान तालिबान को अपना राजनीतिक कार्यालय कतर से सऊदी अरब या तुर्की स्थानांतरित करने के लिए मनाएगा। मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानी राष्ट्रपति हामिद क

By Edited By: Published: Wed, 28 Aug 2013 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2013 04:55 PM (IST)
सऊदी अरब स्थानांतरित हो सकता है अफगान तालिबान का राजनीतिक कार्यालय

इस्लामाबाद। लंबित पड़ी शांति वार्ता को शुरू करने के लिए पाकिस्तान अफगान तालिबान को अपना राजनीतिक कार्यालय कतर से सऊदी अरब या तुर्की स्थानांतरित करने के लिए मनाएगा। मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई के बीच पिछले दो दिनों की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई थी। अखबार ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी हितों के सभी मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। उनके मुताबिक वार्ता का मुख्य मुद्दा अफगान तालिबान के साथ शांति वार्ता शुरू करने के प्रयासों पर केंद्रित रहा। करजई ने अफगान तालिबान का कार्यालय कतर की राजधानी दोहा से सऊदी अरब या तुर्की स्थानांतरित कराने और संगठन द्वारा उसके प्रशासन के वार्ता शुरू करने को लेकर पाकिस्तान से मदद मांगी। दरअसल, तालिबान के कार्यालय के नाम को लेकर करजई ने नाराजगी जताई थी। इसी के विरोध में तालिबान ने गत जुलाई में अपना कार्यालय अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। तालिबान ने अमेरिका और अफगानिस्तान सरकार के साथ वार्ता के लिए यह कार्यालय खोला था। कार्यालय खुलवाने में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई थी।

अफगान सरकार से बात करने को तैयार नहीं तालिबानसरकारी रेडियो पाकिस्तान को दिए साक्षात्कार में विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि तालिबान अफगान सरकार या अफगान हाई पीस काउंसिल से बातचीत करने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान उसे वार्ता के लिए मनाने की पूरी कोशिश करेगा ताकि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि अफगानी राष्ट्रपति की यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी तालमेल बनाने और गलतफहमियां दूर करने में मदद मिली। हालांकि डॉन अखबार ने कहा है कि करजई तालिबान के साथ लंबित पड़ी शांति वार्ता और अफगान सरकार द्वारा तालिबान आतंकियों की रिहाई के मुद्दे पर बड़ी सफलता के बगैर लौट गए।

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