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कादिरी की धमकी से ईद के बाद पाक में गहरा सकता है राजनीतिक संकट

ईद के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट बढ़ सकता है क्योकि वहां के धार्मिक नेता ताहिर कादिरी ने शरीफ सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की धमकी दी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 11:49 AM (IST)
कादिरी की धमकी से ईद के बाद पाक में गहरा सकता है राजनीतिक संकट

इस्लामबाद। विरोधी पार्टियों की धमकी के चलते ईद के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट गहरा सकता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार पर अवैध अकूत संपत्ति और पाकिस्तान के सेना प्रमुख का कार्यकाल इस साल पूरा हो जाने की वजह से विरोधी दलों ने बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

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पीएम नवाज शरीफ के खिलाफ झंडाबरदार पाकिस्तान के धार्मिक नेता डॉ. ताहिर उल कादिरी इससे पहले भी नवाज शरीफ सरकार के सत्ता में आते ही बड़ा प्रदर्शन कर चुके हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कादिरी एक बार फिर से ईद के बाद उससे भी बड़ा विरोध प्रदर्शन की धमकी दे रहे हैं। हालांकि, यह बात किसी से छिपी नहीं है कि इससे पहले कादिरी ने पाकिस्तानी सेना के उकसावे के चलते ही नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।

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इसीलिए, एक तरफ जहां विरोधियों ने चुनाव आयोग से नवाज शरीफ के खिलाफ पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम आने के बाद शिकायत कर उनकी चुनावी योग्यता को खत्म करने की मांग की है तो वहीं दूसरी तरफ इस्लामाबाद और कराची में सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ के पोस्टर्स और बैनर्स अटे पड़े हैं। जिनमें राहिल शरीफ से देश में आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खत्म होने तक उनसे पद पर बने रहने की अपील की गई है।

सेना प्रमुख जनरल शरीफ ने जब पिछले जनवरी को कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद रिटायर हो जाएंगे। लेकिन उसके बाद पाकिस्तान राजनीतिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है। रक्षा और राजनीतिक मामलों के जानकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) तलत मसूद ने कहा, “यह बड़ी अजीब बात है कि आप अपने रिटायरमेंट की कुछ घोषणा करते हैं और उसके बाद कार्यकाल के विस्तार को लेकर पूरा अभियान अपने आप शुरू हो जाता है। ये देश एक अजीबो-गरीब तरीके से चल रहा है।”

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संविधान के मुताबिक, सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाना प्रधानमंत्री की स्वेच्छा पर निर्भर करता है। हालांकि, सेना प्रमुख के चुनाव में वरिष्ठता को ध्यान में रखा जाता है। फिर भी, प्रधानमंत्री अपने पास आयी सिफारिशों में से किसी को भी चुन सकता है या फिर किसी और के नाम का प्रस्ताव कर उन सिफारिशों को दरकिनार कर सकता है।


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