मुशर्रफ पर चलेगा राजद्रोह का मामला
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामले में उनके खिलाफ सुनवाई जल्द पूरी करने और फैसला आने तक उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। साथ ही मामले से तीन अन्य आरोपियों का नाम हटाने को कहा है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामले में उनके खिलाफ सुनवाई जल्द पूरी करने और फैसला आने तक उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। साथ ही मामले से तीन अन्य आरोपियों का नाम हटाने को कहा है। 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर 72 वर्षीय पूर्व सैन्य शासक के खिलाफ यह आदेश दिया गया है। इस मामले में दोषी साबित होने पर उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश अब्दुल हमीद डोगर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। डोगर ने इस मामले में खुद को आरोपी बनाए जाने को चुनौती दी थी। राष्ट्रपति रहते आपातकाल लगाने को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ तीन सदस्यीय विशेष कोर्ट ने 27 नवंबर 2015 को संघीय जांच एजेंसी को जांच के आदेश दिए थे।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट
पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, पूर्व मंत्री जाहिद हमीद और डोगर को भी मुशर्रफ के साथ आरोपी बनाते हुए उनकी भूमिका की जांच करने को कहा था। डोगर ने विशेष कोर्ट के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसने 12 दिसंबर 2015 को उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
अप्रैल 2014 में मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद से विभिन्न कारणों से मामला अब तक आगे नहीं बढ़ पाया था। ऐसे में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद है। मुशर्रफ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर सत्ता हासिल की थी और 2008 तक सत्ता में रहे। अभी वे अपनी बेटी के साथ कराची में रह रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को ही इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।