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अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के उदय के पीछे पाकिस्तान

अमेरिका के एक प्रमुख अखबार ने आतंकी संगठन आइएस के उदय में पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया सेवा के शामिल होने की संभावना जताई है। उसके मुताबिक, पाक खुफिया सेवा लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय जिहादी ताकतों (आतंकी संगठनों) के मैनेजर के रूप में काम कर रही है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 08:12 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 08:16 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के उदय के पीछे पाकिस्तान

न्यूयार्क। अमेरिका के एक प्रमुख अखबार ने आतंकी संगठन आइएस के उदय में पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया सेवा के शामिल होने की संभावना जताई है। उसके मुताबिक, पाक खुफिया सेवा लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय जिहादी ताकतों (आतंकी संगठनों) के मैनेजर के रूप में काम कर रही है।

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न्यूयार्क टाइम्स ने एक लेख लिखा है कि विशेषज्ञों को कई सुबूत मिले हैं कि पाकिस्तान ने तालिबानी हमलों को बढ़ावा दिया। ऐसे हमले सिर्फ अफगानिस्तान के मामले में नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान कई विदेशी संघर्षों में हस्तक्षेप कर रहा है।

अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया सेवा लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मुजाहिदीन ताकतों के मैनेजर के रूप के काम कर रही है। मुजाहिदीन में कई सुन्नी आतंकी हैं। अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान तालिबान और अल कायदा को मदद का खंडन करता है और खुद को आतंक का शिकार बताता था।

हालांकि कई विश्लेषकों के पास पूरा विवरण है कि किस तरह पाक सेना ने राष्ट्रवादी आंदोलनों खासकर पश्तून अल्पसंख्यकों को कुचलने के लिए इस्लामी आतंकी संगठनों को पाला।

पाक में आतंकी तिकड़ी

अखबार की उत्तर अफ्रीका संवाददाता कार्लोटा गॉल ने लिखा है, ऐसी रिपोर्ट है कि आइएस के उभार में पाकिस्तान की भूमिका है। यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है कि क्षेत्र की हिंसक जिहाद की तिकड़ी खुलेआम पाकिस्तान में रह रहा है।

पहला सिराजुद्दीन हक्कानी है जिसने रावलपिंडी में पाक खुफिया एजेंसी मुख्यालय का दौरा भी किया है। दूसरा, तालिबान का नया नेता मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर है जिसने क्वेटा में खुलेआम बैठक की। इसके अलावा अल कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी का पाकिस्तान में शरणगाह है। एक रिपोर्ट में उसके बलूचिस्तान में रहने की बात आई थी।

सीरिया भेज रहा जिहादी

अखबार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के मदरसे उत्तरी अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को जिहादी प्रशिक्षण दे रहे हैं। ये मदरसे पाक खुफिया एजेंसी के संरक्षण में हैं।

लेख में कहा गया है कि पाकिस्तान कतर और अन्य के सहयोग से तीन सौ पाकिस्तानियों समेत अंतरराष्ट्रीय सुन्नी जिहादियों को सीरिया के नए युद्ध क्षेत्रों में भेज रहा है। गॉल ने कहा है कि पाकिस्तान के इस व्यवहार के लिए कोई उसे जवाबदेह नहीं ठहरा रहा। ऐसे वह इसे क्यों छोड़ेगा?

पाकिस्तानी सेना अपनी ताकत बढ़ाएगी

पाकिस्तान की सेना ने अपने सुरक्षा डिविजन बढ़ाने और अतिरिक्त 28 बटालियनें जोड़ने की योजना बनाई है। उसने इसके लिए सरकार से और धन की मांग की है। देश में शैक्षणिक संस्थानों पर बढ़ते आतंकी हमलों के मद्देनजर उसने यह फैसला किया है।

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को वित्त मंत्री इशाक डार से मुलाकात की। डार ने उन्हें आश्वासन दिया कि नए सुरक्षा डिविजन और अतिरिक्त बटालियनों के लिए धन दिया जाएगा।


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