भारत-ईरान की दोस्ती से डरा पाक, सीमा पर बना रहा सुरक्षा द्वार
पाकिस्तान ने कहा है कि अवैध व्यापार रोकने के लिए यह निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण का फैसला तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के मारे जाने के बाद लिया गया है।
इस्लामाबाद। भारत-ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए हुए समझौते के बाद से सहमा पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा द्वार बना रहा है। ईरान की सीमा पर तफ्तान में बन रहे "पाकिस्तान गेट" का निर्माण अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है। पाकिस्तान ने कहा है कि अवैध व्यापार रोकने के लिए यह निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण का फैसला तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के मारे जाने के बाद लिया गया है।
बताया जाता है कि मंसूर ईरान की सीमा से ही पाक के बलूचिस्तान में दाखिल हुआ था। हालांकि जानकारों का मानना है कि भारत-ईरान के बीच करीबी से पाक तनाव और दबाव में है। इसी मजबूरी में उसने सीमा पर निर्माण शुरू किया है।
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डेढ़ करोड़ की लागत से इस द्वार का निर्माण ऐसे समय में शुरू किया गया है जब इसी तरह के निर्माण को लेकर तोरखम सीमा पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव देखने को मिला था। चगाई जिले में तफ्तान गेट की नींव फ्रंटियर कॉर्प्स के सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर खालिद बेग और बलूचिस्तान के कस्टम कलक्टर सईद अहम जादू ने शुक्रवार को रखी। पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस यानी 14 अगस्त को इसका उद्घाटन किया जाएगा। ब्रिगेडियर बेग ने बताया कि इस द्वार का मकसद सीमा प्रबंधन को और प्रभावी बनाना है। इससे पाकिस्तान आने वाले हजारों व्यापारियों और पर्यटकों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि यह द्वारा पाकिस्तान के साथ-साथ ईरान की भी जरूरत है, क्योंकि इससे दोनों ओर के अवैध व्यापार पर रोक लगेगी। तफ्तान में सरकार "पाकिस्तान हाउस" भी बना रही है। इससे ईरान और इराक जाने वाले धार्मिक यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
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अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर द्वार के निर्माण को लेकर ईरान के साथ कोई मसला नहीं है। वह पहले ही अपनी सीमा में मीर जावा में इस तरह का सुरक्षा चौकी बना चुका है और पाकिस्तान से भी इसके निर्माण की मांग कर रहा था। इसके अलावा ईरान ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर कई जगहों पर 10 फीट ऊंची दीवारें भी बना रखी है।