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सईद को लेकर पाक ने फिर की टालमटोल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि यदि भारत लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के खिलाफ ऐसे सुबूत उपलब्ध कराता है जिसे कोर्ट पर्याप्त माने तभी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सईद मुंबई हमले [26/11] का मास्टरमाइंड है।

By Edited By: Published: Sat, 01 Dec 2012 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2012 08:29 PM (IST)
सईद को लेकर पाक ने फिर की टालमटोल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि यदि भारत लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के खिलाफ ऐसे सुबूत उपलब्ध कराता है जिसे कोर्ट पर्याप्त माने तभी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सईद मुंबई हमले [26/11] का मास्टरमाइंड है।

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एक टीवी न्यूज चैनल पर खार ने कहा, 'भारत के आरोपों पर सईद को हिरासत में लिया गया था लेकिन उसके खिलाफ सुबूतों को कोर्ट ने पर्याप्त नहीं माना। इस कारण उसे रिहा करना पड़ा। हम उन सुबूतों पर गौर करेंगे जिसे कोर्ट पर्याप्त माने।' सईद इस समय जमात-उद-दावा [जेयूडी] का प्रमुख है। मुंबई हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जेयूडी को लश्कर का मुखौटा संगठन घोषित किया था। इसके बाद सईद को करीब छह महीने तक नजरबंद रखा गया था। लाहौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे रिहा कर दिया गया।

बाद में लश्कर संस्थापक को पाकिस्तान में हुई घटनाओं को लेकर हिरासत में लिया गया। लेकिन सुबूतों के अभाव में उसे एक बार फिर छोड़ दिया गया। अमेरिका ने इसी वर्ष सईद पर एक करोड़ डॉलर [करीब 55 करोड़ रुपये] का इनाम घोषित किया है। इसके बावजूद वह लाहौर में खुलेआम घूम रहा है। उसने वहां कई रैलियां आयोजित कर अमेरिका और भारत के खिलाफ बयान दिया है।

खार ने कहा कि मुंबई हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गई थी। लेकिन पाकिस्तान के लगातार प्रयासों से आज दोनो देशों में संबंध सामान्य हो रहे हैं।

पाक में फिर टली मुंबई हमले की सुनवाई

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मुंबई हमला [26/11] मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है। संबंधित जज के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के कारण सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। मामले में लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकी उर रहमान लखवी और छह अन्य लोग आरोपी हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले की सुनवाई करने वाले जज चौधरी हबीब-उर-रहमान को लाहौर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा आयोजित जजों के सम्मेलन में हिस्सा लेना था। इसलिए शनिवार को अदालत की कार्यवाही नहीं हो सकी और इसे आठ दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। पिछली सुनवाई 10 नवंबर को हुई थी। उस दिन अभियोजन पक्ष के पांच गवाहों से जिरह की गई थी। शनिवार को अभियोजन पक्ष की ओर से दो और गवाहों को पेश होना था।

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