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जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खुलने का रास्ता साफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खोलने पर राजी हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मंगलवार को पेश हुए अशरफ ने कहा कि उन्होंने अथारिटी को निर्देश दिए हैं कि वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले न खोलने को लेकर लिखा गया पत्र खारिज कर दें। राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) को लागू करने से संबंधित एक मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने पिछले महीने उन्हे राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के उद्देश्य से स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। इस मामले की सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2012 07:44 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2012 12:37 PM (IST)
जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खुलने का रास्ता साफ

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खोलने पर राजी हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मंगलवार को पेश हुए अशरफ ने कहा कि उन्होंने अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले न खोलने को लेकर लिखा गया पत्र खारिज कर दें। राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) को लागू करने से संबंधित एक मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने पिछले महीने उन्हे राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के उद्देश्य से स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। इस मामले की सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी।

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मंगलवार सुबह करीब नौ बजे अशरफ अपने कुछ मंत्रियों के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कोर्ट नंबर चार में सुनवाई के दौरान उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी भी मौजूद थे। कोर्ट पहुंचने पर अशरफ ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। इस दौरान उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी ने कहा कि वह न्यायपालिका से कोई टकराव नहीं लेना चाहते हैं। वह इस टकराव से बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे। इस मामले की सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी। कोर्ट ने पाक पीएम को इस दौरान पेशी से छूट दे दी है।

सुनवाई के दौरान पत्रकारों को भी अंदर रहने की इजाजत दी गई थी, लेकिन इससे पूर्व उनका मोबाइल कोर्ट से बाहर ही रखवा लिया गया था।

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय को राजा परवेज अशरफ को इस मामले में जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का वक्त देते हुए मामले की सुनवाई 18 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी।

न्यायालय ने 25 जुलाई को प्रधानमंत्री राजा परवेज को जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के उद्देश्य से स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए आठ अगस्त तक का समय दिया था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जरदारी और उनकी पत्नी तथा पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए उन्हे एनआरओ के तहत आम माफी दे दी थी।

इसके तहत राजनेताओं तथा नौकरशाहों को भ्रष्टाचार के मामलों में अभियुक्त बनाने से छूट दी गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2009 में इस अध्यादेश को निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए कहा था।

उन्होंने हालांकि ऐसा नहीं किया। न्यायालय ने 26 अप्रैल को उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया। 19 जून को उन्हे संसद की सदस्यता तथा प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहरा दिया गया।

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