पीएम शरीफ को पाक वकीलों का अल्टीमेटम, सात दिनों में छोड़ दें सत्ता
वकीलों का कहना है, पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
लाहौर, एएनआइ। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और लाहौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सात दिनों के भीतर इस्तीफा नहीं दिया तो वे देश भर में उनके खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे। 'द डॉन' के अनुसार, दोनों बार एसोसिएशन की ओर से जारी एक साझा बयान में कहा गया है कि पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
यह चेतावनी बीते 19 मई को आयोजित वकीलों के एक सम्मेलन में पाकिस्तान की सत्ताधारी नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के समर्थक वकीलों और बार एसोसिएशन के सदस्यों के बीच हुई झड़प के ठीक बाद आई है। पीएमएल-एन समर्थक वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्यक्ष राशिद रिज्वी को लाहौर हाईकोर्ट की लाइब्रेरी में बंद कर दिया था। आखिर में ताला तोड़कर रिजवी को बाहर निकालना पड़ा।
पीएमएल-एन समर्थक वकीलों का कहना था कि पनामा पेपर्स केस अभी अदालत में विचाराधीन है और ऐसे में नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग उचित नहीं है। जबकि बार एसोसिएशनों ने कहा कि पनामा गेट ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि नवाज शरीफ और उनके बच्चों ने वित्तीय अनियिमताएं और भ्रष्टचार किए और इसी वजह से जांच के लिए संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया।
वहीं बार एसोसिएशन के वकीलों ने बयान में कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए और अंतिम रिपोर्ट आने तक प्रधानमंत्री को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस्तीफा देने का 27 मई तक का समय है और अगर वह इसके भीतर इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
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