पाकिस्तान के सहयोग से मारा गया था ओसामा
अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने पाकिस्तान के सहयोग से ही मार गिराया था। पाकिस्तान के ही एक पूर्व खुफिया अधिकारी ने 159 करोड़ रुपये (25 मिलियन डॉलर) के इनाम की लालच में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए को ओसामा के ठिकाने के बारे में जानकारी दी थी। इसके
इस्लामाबाद। अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने पाकिस्तान के सहयोग से ही मार गिराया था। पाकिस्तान के ही एक पूर्व खुफिया अधिकारी ने 159 करोड़ रुपये (25 मिलियन डॉलर) के इनाम की लालच में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए को ओसामा के ठिकाने के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद वाशिंगटन ने पाकिस्तान से संपर्क साधा था। अमेरिकी नौसैनिक दस्ते ने ओसामा को एबटाबाद में दो मई, 2011 की रात को मार गिराया था।
अमेरिका के खोजी पत्रकार सिमोर हर्ष ने लंदन रिव्यू ऑफ बुक्स में प्रकाशित अपने ताजा लेख में यह दावा किया है। उन्होंने बताया, 'अगस्त, 2010 में पाकिस्तान के एक पूर्व खुफिया अधिकारी ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास में तैनात सीआइए के प्रमुख जोनाथन बैंक से संपर्क साधा था। उसने 159 करोड़ रुपये इनाम के एवज में ओसामा के ठिकाने का पता बताने का प्रस्ताव रखा था।' हर्ष के मुताबिक वह अधिकारी सेना से भी जुड़ा था और फिलहाल वाशिंगटन में सीआइए के सलाहकार के तौर पर नियुक्त है।
हर्ष ने ओसामा के मारे जाने के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा इस ऑपरेशन को अमेरिका का अभियान बताने को भी झूठ बताया। बकौल हर्ष सफेद झूठ तो यह भी है कि अभियान शुरू करने से पहले पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और आइएसआइ के मुखिया जनरल अहमद शुजा पाशा से संपर्क नहीं साधा गया था। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब को भी पता था कि अलकायदा सरगना पाकिस्तान के कब्जे में है। सऊदी अरब इसकी जानकारी अमेरिका को देने के पक्ष में नहीं था।
हर्ष के मुताबिक अमेरिका और पाकिस्तान ने मिलकर तय किया था कि ओसामा को मारने के एक सप्ताह बाद इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। बताया जाएगा कि आतंकी को हिंदूकुश पर्वत में कहीं मार गिराया गया, लेकिन ओबामा ने लाइव बयान जारी कर दिया। इससे पाकिस्तानी सेना की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा था। हर्ष के अनुसार डॉक्टर शकील अफरीदी को बलि का बकरा बनाया गया। हालांकि, वह सीआइए से जुड़े थे।
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