पाकिस्तानी चुनाव आयोग और सरकार में ठनी
इस्लामाबाद। सुप्रीम कोर्ट से समर्थन मिलने के बाद पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने सरकार के विरोध को दरकिनार करते हुए संशोधित नामांकन पत्रों को छपवाने के अपने फैसले पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।
इस्लामाबाद। सुप्रीम कोर्ट से समर्थन मिलने के बाद पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने सरकार के विरोध को दरकिनार करते हुए संशोधित नामांकन पत्रों को छपवाने के अपने फैसले पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।
सांसदों ने नामांकन पत्रों में बदलाव का विरोध किया है जो शैक्षिक योग्यता, कर भुगतान और उम्मीदवारों की दोहरी नागरिकता से संबंधित हैं। चुनाव आयोग ने संभवत: मई में होने वाले चुनाव के लिए बदलावों को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मंजूरी मिलने का इंतजार किए बिना नामांकन पत्रों को छपवाने का फैसला किया है। सरकार ने इस कदम का विरोध किया है।
कानून मंत्री फारुक नाइक ने कहा कि इस प्रकार के संशोधनों को पहले राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी चाहिए। चुनाव आयोग को सशक्त बनाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को सरकार से औपचारिक मंजूरी के बिना नियमों में संशोधनों के चुनाव आयोग के प्रयासों का समर्थन किया था।
चौधरी ने कहा था कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आवश्यक नियमों में बदलाव करने में खुद को इतना कमजोर क्यों महसूस करता है। पिछले साल जून में अदालत ने स्पष्ट किया था कि चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए।' पीठ ने चुनाव आयोग को कानून मंत्रालय की स्वीकृति बिना अपने नियमों में बदलावों पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व फैसले में इसकी अनुमति दी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि शीर्ष अदालत के फैसले ने राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना संशोधित नामांकन पत्रों को छापने के चुनाव आयोग के फैसले को कानूनी चुनौती देने के रास्ते बंद कर दिए हैं। चुनाव आयोग और सरकार के बीच इस फैसले को लेकर तकरार होने से इसका असर समय पर चुनाव कराने के प्रयासों पर पड़ सकता है।
सेना से होगी बैठक
मई में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सेना की तैनाती को लेकर पाकिस्तानी सेना और चुनाव आयोग के बीच बैठक जल्द होगी। इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के प्रमुख मेजर जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग को समर्थन और सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।' सरकार का कार्यकाल 16 मार्च को पूरा हो रहा है।
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