मुशर्रफ की संयुक्त ट्रायल की मांग पर फैसला सुरक्षित
पाकिस्तान की एक विशेषष अदालत ने देशद्रोह के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की संयुक्त ट्रायल की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक विशेषष अदालत ने देशद्रोह के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की संयुक्त ट्रायल की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा है। मुशर्रफ ने अपील की थी कि देश में 2007 में आपातकाल लगाने के फैसले में उनके साथ नागरिक और सैन्य नेता भी शामिल थे। इसलिए इस मुकदमे में संयुक्त ट्रायल कराया जाए। जस्टिस फैजल अरब की अध्यक्षता वाला तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण इस मुकदमे की सुनवाई कर रहा है।
शुक्रवार को मुशर्रफ के वकील फारूक नसीम ने अपनी दलील पूरी करने के बाद अदालत से मांग की कि आपातकाल लगाने में शामिल सभी लोगों की संयुक्त तौर पर सुनवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने का फैसला सामूहिक तौर पर लिया गया था और उसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री शौकत अजीज, कैबिनेट के सदस्य और पूर्व सेना प्रमुख शामिल थे। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने के लिए किसी अकेले व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह कानून के खिलाफ है।
अदालत ने अपना फैसला 21 नवंबर तक सुरक्षित रखा है। हालांकि उसने इसका कारण नहीं बताया। मुशर्रफ फिलहाल कराची में रहते हैं और उनकी विदेश जाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गई हैं। उन्हें चार आपराधिक मामलों में जमानत दी गई है लेकिन देशद्रोह का मामला विशेषष न्यायाधिकरण में जारी है। मुशर्रफ ने 1999 से लेकर 2008 तक पाकिस्तान के शासक रहे हैं। हालांकि हारने के बाद वे खुद देश छो़ड़कर चले गएं।