आइएस के अतिउत्साह से चिंतित था लादेन
लादेन के ठिकाने से पाए गए दस्तावेजों से यह भी जाहिर हुआ कि वह अपने बेटों को लेकर भी परेशान रहता था।
वाशिंगटन, एएफपी। अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के अति उत्साह और हिंसा के तौर-तरीके से बेहद चिंतित था। उसे अलकायदा का प्रभाव काम होने की चिंता भी खाए जा रही थी। यह रहस्योद्घाटन सीआइए की ओर से शुक्रवार को जारी नए दस्तावेजों से हुआ है। इन दस्तावेजों को पाकिस्तान के एबटाबाद के उस गुप्त ठिकाने से बरामद किया गया था जहां लादेन को साल 2011 में अमेरिकी कमांडो ने मार गिराया गया था।
लादेन के ठिकाने से पाए गए दस्तावेजों से यह भी जाहिर हुआ कि वह अपने बेटों को लेकर भी परेशान रहता था। वह उन्हें आगाह करता था कि उनका पीछा करने के लिए उनके शरीर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाए जा सकते हैं। लादेन उत्तरी अफ्रीका में लड़ रहे अलकायदा आतंकियों को भी सलाह देता रहता था। वह अपने संगठन से जुड़े दूसरे आतंकी समूहों के लिए भी वक्त देता था। वह उनके द्वारा विदेशियों के अपहरण का प्रबंध करता था।
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यही नहीं वह यमन के मामलों को भी तवज्जो देता था क्योंकि उसका परिवार मूल रूप से वहीं का रहने वाला था। वहां उसके आतंकी संगठन के नए गुट अलकायदा ऑन द अरेबियन पेनिनसुला (एक्यूएपी) की मजबूत पकड़ थी। उसने एक्यूएपी के संस्थापक नसीर अल-वुहायशी को खत में आगाह किया था कि सरकार के खिलाफ बहुत तेजी दिखाने की जरूरत नहीं है।
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क्योंकि इस्लामिक राज्य बनाने के लिए सही हालात नहीं है। वह प्रभावशाली शासन नहीं दे सकेगा और बाहरी हमलों को भी नहीं रोक सकेगा। ये दस्तावेज साल 2010 के आसपास के हैं। इनमें से कुछ लादेन और कई उसकी तरफ से लिखे गए थे। इनके जरिये लादेन यह संदेश देता था कि अलकायदा अमेरिका को अपने दुश्मन के तौर पर ही केंद्रित करना जारी रखे।