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ग्रीन हाउस उत्सर्जन में एक तिहाई की कमी करेगा अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जलवायु परिवर्तन पर एक नई योजना की घोषणा की है। इस दिशा में यह अब तक की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजना है। इसके अनुसार अमेरिका ग्रीन हाउस उत्सर्जन एक तिहाई तक कम करेगा। कोयला उद्योग, विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी और कई प्रांतों के विरोध के

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 07:14 PM (IST)
ग्रीन हाउस उत्सर्जन में एक तिहाई की कमी करेगा अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जलवायु परिवर्तन पर एक नई योजना की घोषणा की है। इस दिशा में यह अब तक की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजना है। इसके अनुसार अमेरिका ग्रीन हाउस उत्सर्जन एक तिहाई तक कम करेगा। कोयला उद्योग, विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी और कई प्रांतों के विरोध के बावजूद ओबामा ने अपने देश के लिए पर्यावरण लक्ष्यों की घोषणा की है।

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इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सभी अमेरिकी राज्यों के लिए उनके बिजली संयंत्रों से होने वाले कार्बन प्रदूषण को कम करने के मकसद से लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्यों को इस लक्ष्य को पूरा करने और बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक योजना बनाने की आजादी दी गई है। 2016 तक राज्यों को अपनी योजनाओं का खाका पेश करना होगा। पेरिस में इस साल के अंत में अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन से पहले ओबामा ने इसकी घोषणा करते हुए भारत और चीन जैसे देशों से भी इस दिशा में पहल की अपील की है।

प्रस्ताव

अमेरिकी बिजली घर जहरीली गैसों के उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 32 प्रतिशत की कमी लाएंगे। इसके लिए उनके पास 2030 तक का समय होगा।

मतलब

कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्पादन 87 करोड़ टन कम होगा। 16 करोड़ 60 लाख कारें अमेरिकी सड़कों से हटा दी जाएं तो जहरीली गैस के उत्सर्जन में इतनी ही कमी आएगी। अमेरिका में इस समय 25 करोड़ 30 लाख कारें सड़क पर हैं।

हकीकत

-अमेरिका में इस समय छह सौ बिजली घर ऐसे हैं जो कोयला से चलते हैं।

-अमेरिका की कुल बिजली आपूर्ति का 37 फीसद हिस्सा इसी तरह के बिजली घरों से आता हैं।

-चीन के बाद कोयला से बिजली उत्पादन के मामले में अमेरिका पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

-अमेरिकी बिजली घर एक अरब 82 लाख 80 हजार टन के करीब कार्बन डाइ ऑक्साइड इस समय उत्सर्जित करते हैं। यह अमेरिका में जहरीली गैस के कुल उ‌र्त्सन का करीब 32 फीसद और दुनिया का छह फीसद है।

प्रस्ताव

पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा जैसे साधनों पर खासा ध्यान दिया जाएगा। ऊर्जा के दूसरे नवीनीकरण स्रोतों को भी इस्तेमाल में लाया जाएगा।

लक्ष्य

2030 तक अमेरिका की ऊर्जा क्षमता में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 28 फीसद होगा।

हकीकत

अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के मुताबिक इस समय कुल बिजली उत्पादन का केवल पांच फीसद हिस्सा ही ऐसे स्रोतों से आता है।

विरोध

अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नता मिच मैककॉनेल ने इस योजना को वास्तविकता से परे और विकास को रोकने वाला बताया है। देश के सभी 50 प्रांतों के गवर्नर को पत्र लिखकर उन्होंने योजना नहीं लागू करने की अपील की है। राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार जेब बुश ने नए नियमों को आपदा बताया है तो मार्को रुबियो ने कहा है कि इससे भविष्य में बिजली की कीमतें बढ़ जाएंगी। कोयला उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे गरीबों पर असर पड़ेगा और नौकरियों की कमी होगी। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार यदि ओबामा द्वारा प्रस्तावित नियमों को लागू किया जाता है तो सैकड़ों कोयला चालित बिजलीघरों को बंद करना होगा।

मून ने किया स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने ओबामा की योजना की तारीफ की है। बान के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'यह योजना उत्सर्जन में कमी लाने की आवश्यकता और जलवायु परिवर्तन पर दूरदर्शी नेतृत्व का उदाहरण है।'

भारतवंशी डॉक्टर की सराहना

ओबामा ने प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने और वायु प्रदूषण के कुप्रभावों से प्रभावित परिवारों की मदद करने वाली भारतीय मूल की डॉक्टर सुमिता खत्री की सराहना की है। क्लीवलैंड की डॉक्टर खत्री व्हाइट हाउस में सोमवार को उस कार्यक्रम में आमंत्रित थीं जिसमें ओबामा ने स्वच्छ ऊर्जा योजना की घोषणा की।

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हमारे पास सिर्फ एक घर है। एक ही ग्रह है। हमारे पास कोई प्लान बी नहीं है। मैं समझता हूं कि कोई भी चुनौती धरती के भविष्य के खतरे से बढ़कर नहीं हो सकती। -बराक ओबामा, राष्ट्रपति, अमेरिका


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