भारतीय वैज्ञानिक को मिला अमेरिका का प्रतिष्ठित पुरस्कार
भारतीय मूल के वैज्ञानिक थॉमस कैलथ को विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रतिष्ठित 'नेशनल मेडल ऑफ साइंस' पुरस्कार से सम्मानित किया। 79 वर्षीय कैलथ के साथ ही नौ अन्य लोगों को भी यह सम्मान दिया गया।
वाशिंगटन। भारतीय मूल के वैज्ञानिक थॉमस कैलथ को विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रतिष्ठित 'नेशनल मेडल ऑफ साइंस' पुरस्कार से सम्मानित किया। 79 वर्षीय कैलथ के साथ ही नौ अन्य लोगों को भी यह सम्मान दिया गया।
1935 में केरल में जन्मे कैलथ ने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीई (दूरसंचार) की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एसएम और एससीडी की डिग्री ली।
मैसाचुसेट्स से डिग्री लेने के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया के जेट प्रोपल्सन लैब्स में काम किया और इसके बाद 1963 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक नियुक्त किए गए। 1969 में उनकी पदोन्नति करते हुए उन्हें प्राध्यापक बना दिया गया।
वह आईईईई के फेलो हैं और उन्हें 2007 में आईईईई मेडल आफ ऑनर से सम्मानित किया गया। अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार सम्मान के अतिरिक्त उन्हें शैनन अवार्ड आफ द आईईईई इंफोर्मेशन थ्योरी सोशायटी, आईईईई एजुकेशन मेडल और आईईईई सिग्न प्रोसेसिंग मेडल दिया गया है।
ओबामा ने कहा कि हमारे विद्वानों और आविष्कारकों ने विश्व को समझने की क्षमता को बढ़ाया है, उनके क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया है, कई जिंदगियों के सुधार में मदद की है। उन्होंने कहा कि हमारा देश उनकी उपलब्धियों और खोज, जांच और आविष्कार में तल्लीन देशभर के सभी वैज्ञानिकों व तकनीशियनों से धनी है।