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किम जोंग की घोषणा, उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा

वाशिंगटन उत्तर कोरिया के विरुद्ध अपनी शत्रुतापूर्ण नीति को खत्म नहीं कर देता है, प्योंयांग अपने हथियारों खत्म करने के लिए अमेरिका से किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं करेगा।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 05 Jul 2017 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jul 2017 02:05 PM (IST)
किम जोंग की घोषणा, उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा
किम जोंग की घोषणा, उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा

सियोल, एपी। अमेरिका के लिए सिरदर्द बने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने साफ कर दिया है कि उनका देश अपने हथियारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। वह परमाणु हथियार खत्म करने के मुद्दे पर किसी से कोई बात नहीं करेगा।

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किम जोंग ने कहा, हमने अमेरिका को अपनी ताकत दिखा दी है। तानाशाह ने यह बात अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद कही है। मंगलवार को हुए इस परीक्षण के बाद अमेरिका के कई ठिकाने उत्तर कोरिया के निशाने पर आ गए हैं। परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया इन दिनों न केवल अमेरिका बल्कि उसके मित्र राष्ट्र दक्षिण कोरिया और जापान के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है।

अमेरिका के हवाई द्वीप और अलास्का का इलाका, एक हजार किलोमीटर दूर स्थित जापान और उत्तर कोरिया से सटा दक्षिण कोरियाई भूभाग किम जोंग की मिसाइलों की पहुंच में हैं। सूत्रों के अनुसार अपनी मिसाइलों के निशाने पर पूरे अमेरिका को लेने के लिए उत्तर कोरिया अभी बैलेस्टिक मिसाइलों के कुछ और परीक्षण करेगा। इसका सुबूत मंगलवार को बैलेस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद किम जोंग की दंभ से भरी हंसी और वैज्ञानिकों को परीक्षणों के सिलसिला जारी रखने का निर्देश था।

परीक्षण के बाद फुटेज उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने जारी किये हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिका काफी समय से चीन को मध्यस्थ बनाकर उत्तर कोरिया से वार्ता करने का प्रयास कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार खत्म करके मिसाइल विकास कार्यक्रम भी रोक दे लेकिन किम जोंग उन उसके लिए तैयार नहीं हैं।

कूटनीतिक दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया का व्यापार मित्र देश चीन से उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम को खत्म करने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जिसकी हाल ही में चीन ने अध्यक्षता थी, इस मामले में वह अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के मांगों को लेकर एक आपातकालीन बैठक आयोजित करेगा। लेकिन कूटनीतिज्ञों का मानना है कि चीन कभी भी अपने पड़ोसी देश उत्तर कोरिया पर उसके हथियार कार्यक्रम को खत्म करने के लिए दबाव नहीं डालेगा।

2015 के संयुक्त राष्ट्र दस्तावेज में ये कहा गया था कि 50,000 से ज्यादा उत्तर कोरियाई वर्कर विशाल मात्रा में चीन और रुस में काम कर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने चीन के साथ लकड़ियों के व्यापार के लिए ट्रक परिचालन सेवा आरंभ की थी लेकिन बाद में उसे हथियार वहन करने के उद्देश्य से मंगलवार को सेना के इस्तेमाल के लिए लगा दिया।

ट्रंप ने कहा है कि चीन के द्वारा उत्तर कोरिया के पर लगाए जाने वाले प्रयासों से वह संतुष्ट नहीं हैं। उनके प्रशासन का कहना था कि सभी विकल्प मौजूद हैं, फिर भी चीन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। ट्रंप ने इस सप्ताह जर्मनी में हुए जी-20 देशों के साथ बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की ती जहां उन्होंने ये आशंका व्यक्त की थी। इस पर रुस और चीन ने संयुक्त रुप से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के द्वारा सैन्य अभ्यासों के स्थगन करने के बदले उत्तर कोरिया से उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को खत्म करने की अपील की।

उल्लेखनीय है कि, अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने सैन्य प्रदर्शन के लिए बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट लांच किया था। दक्षिण कोरिया का कहना था कि अगर जरुरत पड़े तो वह इसे उत्तर कोरिया के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। पूर्व वाशिंगटन के पूर्व एशियाई राजनयिक डैनियल रशेल ने एशिया सोसाइटी पॉलिसी संस्थान के निवास में कहा, ये निराशाजनक है कि चीन और रुस अभी भी संयम की बात कर रहे हैं जबकि उत्तर कोरिया अपने सारे संयम खो चुका है। ।

लंबी दूरी की मिसाइल
उत्तरी राज्य मीडिया ने कहा कि उत्तर कोरिया का मिसाइल, ह्वासोंग 39 मिनट में -14,933 किमी की उड़ान भरकर 2,802 किमी (1,741 मील) की ऊंचाई तक पहुंच गया। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नई मिसाइल 8,000 किमी से अधिक दूरी तय कर सकती है जो उत्तरी अमेरिका के महत्वपूर्ण हिस्सों में खतरा पैदा कर सकती है। 
अमेरिका के मिसाइल विशेषज्ञ जॉन शिलिंग ने उत्तर कोरिया मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट 38 के बारे में कहा कि यह लांच उम्मीद से ज्यादा सफल रहा। इधर दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री हन मिन-कू ने बुधवार को संसद से कहा कि उत्तर की ओर से छठे परमाणु परीक्षण की एक उच्च संभावना है, हालांकि इसके कोई विशिष्ट संकेत नहीं हैं।

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