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पाक में संसद के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट से रार

पाकिस्तान में विधायिका और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'अदालत की अवमानना कानून 2012' को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद सरकार का कहना है कि न्यायपालिका को संसद के कानून बनाने के अधिकार का सम्मान करना होगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान पीपुल्स पाट

By Edited By: Published: Sun, 05 Aug 2012 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2012 09:26 AM (IST)
पाक में संसद के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट से रार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विधायिका व न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'अदालत की अवमानना कानून 2012' को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद सरकार का कहना है कि न्यायपालिका को संसद के कानून बनाने के अधिकार का सम्मान करना होगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेताओं ने शुक्रवार को राष्ट्रपति कार्यालय में बैठक कर मौजूदा स्थिति पर विचार किया। पीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए अवमानना के संबंध में नया कानून बनाया था, ताकि नए प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ पर कोर्ट की गाज न गिर सके।

राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने बताया कि जरदारी और अशरफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि संविधान के तहत चुने गए प्रतिनिधि ही कानून बनाने का अधिकार रखते हैं और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।' इससे पता चलता है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दोबारा खोलने के विषय में स्विस सरकार को पत्र लिखने के आदेश पर अमल करने के मूड में नहीं है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अशरफ को आठ अगस्त तक का समय दिया है।

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