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टाटा के जाने से नहीं बदलेगी सोच

रतन टाटा के जाने के बाद भी टाटा समूह की सोच और संस्कृति में कोई बदलाव नहीं आएगा। समूह की ओर से समाज के हित में किए जा रहे पहले की तरह जारी रहेंगे। टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा के वारिस का चुनाव करने वाली समिति में शामिल रहे लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य का तो यही मानना है। भट्टाचार्य ने कहा कि टाटा समूह ने सा

By Edited By: Published: Mon, 24 Sep 2012 09:13 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2012 09:19 AM (IST)
टाटा के जाने से नहीं बदलेगी सोच

लंदन। रतन टाटा के जाने के बाद भी टाटा समूह की सोच और संस्कृति में कोई बदलाव नहीं आएगा। समूह की ओर से समाज के हित में किए जा रहे पहले की तरह जारी रहेंगे। टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा के वारिस का चुनाव करने वाली समिति में शामिल रहे लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य का तो यही मानना है। भट्टाचार्य ने कहा कि टाटा समूह ने साइरस पी मिस्त्री के रूप में एकदम सही उत्तराधिकारी का चयन किया है।

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आइआइटी के पूर्व छात्र रहे लॉर्ड भट्टाचार्य विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वह रतन के बेहद करीबी माने जाते हैं। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि समूह अपनी नीति नहीं, केवल चेयरमैन बदलने जा रहा है। टाटा ब्रिटेन के निर्माण क्षेत्र के प्रति उदार रहे थे। यह उदारता जारी रहेगी। संडे टाइम्स ने 'टाटाज ब्रिटिश एंपायर' नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में लगभग 50 हजार कर्मचारी टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों में कार्यरत हैं। टाटा समूह 1863 से ही ब्रिटेन में काम कर रहा है। टाटा परिवार ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स को गरीबी पर शोध करने के लिए अनुदान भी दिया था।

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