Move to Jagran APP

आखिरी सांस तक ओसामा के हाथों में ही थी अल-कायदा की कमान

अमेरिकी दावों के विपरीत ओसामा बिन लादेन अंतिम सांस तक अल-कायदा को चला रहा था। पाकिस्तान के एबटाबाद में उसको मार गिराने के बाद अमेरिकी कमांडो ने जो दस्तावेज बरामद किए थे, उससे यह खुलासा हुआ है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 02 Mar 2016 08:01 AM (IST)Updated: Wed, 02 Mar 2016 08:10 AM (IST)
आखिरी सांस तक ओसामा के हाथों में ही थी अल-कायदा की कमान

वाशिंगटन। अमेरिकी दावों के विपरीत ओसामा बिन लादेन अंतिम सांस तक अल-कायदा को चला रहा था। पाकिस्तान के एबटाबाद में उसको मार गिराने के बाद अमेरिकी कमांडो ने जो दस्तावेज बरामद किए थे, उससे यह खुलासा हुआ है।

loksabha election banner

11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमलों के बाद सालों तक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी यही दावा करते रहे कि लादेन छिपा हुआ है और अल-कायदा को चलाने की स्थिति में नही है। लेकिन, दस्तावेजों से पता चलता है 2011 में मारे जाने तक वह किसी बड़ी कंपनी के सीईओ की तरह आतंकी संगठन को चला रहा था।

सूत्रों के अनुसार, छिपे रहने के दौरान लादेन ने पाकिस्तान से सैकड़ों पत्र लिखे और कई वीडियो बनाए। इनमें उसकी ओर से अपने मातहतों को फरमान जारी किए गए थे। दस्तावेजों के बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने कहा कि लादेन अल-कायदा की रोजमर्रा के अभियानों के बारे में पूरी तरह अवगत था।

एबटाबाद में बैठकर वह अपने संचार नेटवर्क को पूरी तरह बरकरार रखने में भी कामयाब रहा था। उसने फोबाइल फोन, कंप्यूटर चिप व दूसरी तकनीकी चीजें बड़ी आसानी से हासिल कर रखी थी।

वह ईरान में अपने रिश्तेदारों, सोमालिया, अफगानिस्तान, उत्तरी अफ्रीका, इराक व कई दूसरे स्थानों पर मीडिया समूहों व अपने कमांडरों से आसानी से संपर्क करता रहता था। दस्तावेजों में लादेन के हाथों से लिखा वसीयतनामा भी है।

इसमें उसने दावा किया है कि उसके पास निजी धन के रूप में लगभग 2. 9 करोड़ डॉलर (करीब 197 करोड़ रुपये) हैं। उसने अपने धन को रिश्तेदारों में बांटने की योजना बनाई थी। लेकिन, इसका एक बड़ा हिस्सा वह जिहाद और इस्लाम की खातिर खर्च करना चाहता है। वह चाहता था कि धन का ज्यादातर हिस्सा 11 सितंबर, 2001 के हमलों के पीछे मौजूद रहे आतंकी नेटवर्क पर खर्च हो।

अपने खिलाफ पाकिस्तान में चलाए गए अभियान से पहले ही उसे अपनी अचानक मौत होने का आभास भी हो गया था। उसने अपने पिता को 2008 में लिखे पत्र में कहा था कि मैं मारा जाने वाला हूं। मेरे लिए दुआएं करें और मेरे नाम पर चंदा देते रहें, क्योंकि स्थायी घर में जाने के लिए मुझे सहयोग की बड़ी जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय ने ये दस्तावेज जारी किए हैं।

पढ़ेंः फिल्म रिव्यू: 'तेरे बिन लादेन : डेड ऑर अलाइव', टुकड़ों में हंसी (2.5 स्टार)

संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.