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नेपाल की बागडोर सुशील कोइराला ने संभाली

नेपाल में दो महीने से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध सोमवार को समाप्त हो गया। माओवादी दल सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया। चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली नेपाली कांग्रेस और दूसरे स्थान पर रही सीपीएन-यूएमएल के बीच समझौते के बाद 76 वर्षीय कोइराला

By Edited By: Updated: Tue, 11 Feb 2014 10:29 AM (IST)
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काठमांडू। नेपाल में दो महीने से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध सोमवार को समाप्त हो गया। माओवादी दल सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया।

चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली नेपाली कांग्रेस और दूसरे स्थान पर रही सीपीएन-यूएमएल के बीच समझौते के बाद 76 वर्षीय कोइराला को पीएम चुना गया। विमान अपहरण से जुड़े मामले में एक बार जेल जा चुके कोइराला नेपाल के जाने-माने राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर अब उनके सामने देश को नया संविधान देने की कठिन चुनौती है। 1601 सदस्यीय संविधान सभा में कोइराला 405 सदस्यों का समर्थन हासिल कर प्रधानमंत्री बनने में कामयाब रहे। सीपीएन-यूएमएल के नेता पहले नेपाली कांग्रेस को समर्थन देने के पक्ष में नहीं थे लेकिन अगले वर्ष राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने के वादे पर वह समर्थन देने को राजी हुए।

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भारत और चीन के बीच बसा नेपाल काफी लंबे समय से अस्थिरता, संघर्ष और राजनीतिक रूप से विभाजन का सामना करता आया है। कुछ वर्ष पहले सदियों पुरानी राजशाही को समाप्त कर यहां लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश हुई। लेकिन, 2008 से यह देश अंतरिम संविधान के तहत चल रहा है। दोनों मजबूत पड़ोसी राष्ट्र आर्थिक रूप से कमजोर इस देश को अपना राजनीतिक सहयोगी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन, राजनीतिक अस्थिरता बरकरार रहने से यह भी भय रहता है कि कहीं यह देश उग्रवादियों, अपराधियों और तस्करों की पनाहगाह न बन जाए।

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