मसूद मामले पर भारत को चीन के साथ बात करने की जरूरतः सलमान खुर्शीद
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट की काली सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो लगानेवाले चीन के रवैये ने जहां भारत की कूटनीतिक कोशिशों को बड़ा झटका दिया है।
बीजिंग, पीटीआई। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट की काली सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो लगानेवाले चीन के रवैये ने जहां भारत की कूटनीतिक कोशिशों को बड़ा झटका दिया है। वहीं दूसरी तरफ भारत के पूर्व विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि मसूद अजहर मामले में भारत सरकार को चीन के साथ बात करनी चाहिए।
एक कार्यक्रम में शामिल होने हुनान प्रांत पहुंचे खुर्शीद ने कहा कि चीन से निपटना इतना आसान नहीं है। उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा- "अगर हमें चीन को अपना दोस्त बनाना है तो हमें अपने बर्ताव में मतलबी नहीं दिखना होगा। हमें अपने आचरण को और ज्यादा उदार बनाना होगा। जिसके बाद मैं इस बात को निश्चितपूर्वक कह सकता हूं कि चीन इस मामले में भारत की मदद करेगा। आपको उसके साथ दिल से खुलकर बात करने की जरुरत है।"
गौरतलब है कि पठानकोट वायुसेना छावनी हमले में मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध के भारत के प्रस्ताव पर चीन ने आखिरी वक्त में रोक लगाते हुए बड़ा झटका दिया था। जिसके बाद भारत ने चीन के इस रवैये को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।
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जैश-ए-मोहम्मद को साल 2001 में ही संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकियों की सूची में डाल दिया गया था।
हालांकि, बीजिंग और नई दिल्ली की तरफ से कहा गया है कि इस मामले पर बातचीत की जा रही है। चीन के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने भारत से इस बारे में और अधिक जानकारी मांगी है।
ऐसा माना जा रहा है कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल के साथ अगले कुछ हफ्तों बाद बीजिंग दौरे में इस मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है। मनोहर पर्रिकर इस महीने की 18 तारीख को चीन जा रहे हैं।