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भूटानी संसद में हिंदी की गूंज, मोदी ने भारत की मजबूती को बताया जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को हिंदी में संबोधित करते हुए कहा कि भूटान की परंपरा सदियों पुरानी है। ये सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण की रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहा है और इसलिए बधाई का पात्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी कर स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 16 Jun 2014 07:49 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jun 2014 04:11 PM (IST)
भूटानी संसद में हिंदी की गूंज, मोदी ने भारत की मजबूती को बताया जरूरी

थिंपू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को हिंदी में संबोधित करते हुए कहा कि भूटान की परंपरा सदियों पुरानी है। ये सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण की रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहा है और इसलिए बधाई का पात्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी कर स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब दुनिया में सत्ता के विस्तार का दौर था, भूटान ने लोकतंत्र की मजबूत नींव डालने का प्रयास किया। विश्व की कई जगहों पर सत्ता हथियाने के प्रयास चल रहे थे, तब भूटान ने बहुत ही उत्तम तरीके से लोकशिक्षा के माध्यम से जन-मन को धीरे-धीरे तैयार करते हुए और संवैधानिक व्यवस्था को विकसित करते हुए लोकतांत्रिक परंपरा को स्थापित किया। मोदी ने कहा कि अपने सात साल के लोकतांत्रिक जीवन में भूटान मजबूती से उभरा है। हालांकि सात साल कोई बड़ी उम्र नहीं होती, लेकिन भूटान में लोकतंत्र के प्रति बढ़ रही आस्था को मैं नमन करता हूं। उन्होंने यहां के मतदाताओं की जागरुकता की सराहना करते हुए कहा कि लोगों में लोकतंत्र के प्रति भरोसा बढ़ रहा है।

मोदी ने भूटान के पीएम के शपथ में आने पर शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि भाजपा को मिली शानदार जीत की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने तीस साल बाद किसी एक दल को पूर्ण बहुमत दिया है। भाजपा में लोगों ने जो आस्था दिखायी है, उसका मैं स्वागत करता हूं। यह लोकतंत्र की मजबूती की वजह से ही संभव हो सका।

मोदी ने भूटान सरकार की सराहना करते हुए कहा कि हमें यह जानकर खुशी हुई कि सरकार अपनी आय का ज्यादा हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च कर रही है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए भूटान में ई-लाइब्रेरी का नेटवर्क विकसित करने का ऐलान किया। मोदी ने कहा कि भूटान में शिक्षा को तकनीक से जोड़ना जरूरी है ताकि शिक्षा तकनीक को और आधुनिक बनाया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में और काम की संभावना है। भारत की सेटेलाइक तकनीक का इस्तेमाल भूटान के विकास में किया जा सकता है। हमारी तकनीक दोनों देशों को और करीब ला सकती है। मोदी ने कहा कि भारत भूटान में हिमालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्थापित करना चाहता है।

पड़ोसी मुल्क की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भूटान में विकास और पर्यावरण सुरक्षा साथ-साथ हुए। उन्होंने कहा कि सार्क देशों की भलाई के लिए बहुत जरूरी है कि भारत मजबूत हो और वहां के नागरिक सुखी रहें। तभी वह पड़ोसी देशों के सुख-दुख की चिंता कर पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत ही आंतरिक समस्याओं से जूझता रहेगा तो वह कैसे मदद कर पाएगा।

मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के संबंध साझी सांस्कृतिक विरासत की वजह से हैं। उन्होंने हिमालय को दोनों देशों की साझी विरासत बताया। मोदी ने ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ लड़ाई में भूटान को अहम साथी बताया। उन्होंने कहा कि भूटान के पास ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत है। भूटान की पनबिजली परियोजनाएं भारत के लिए अहम हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाइड्रो-पावर से भारत और भूटान दोनों को लाभ है। पर्यटन के क्षेत्र में भूटान में अपार संभावनाएं जताते हुए कहा कि यह न केवल दो देशों के भू-भाग को जोड़ता है बल्कि दो देशों के दिलों को भी जोड़ता है। आतंकवाद बांटता है, जबकि पर्यटन जोड़ने का काम करता है।

पढ़ें: दोस्ती मजबूत करने भूटान पहुंचे मोदी


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