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म्यांमार : वर्षों से बंद राजनीतिक कैदियों की रिहाई पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

म्यांमार सरकार ने 83 राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति टिन या ने शनिवार को कैदियों की रिहाई पर दस्तखत किए। हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद भी सैकड़ों लोग हैं जिन्हें अपनी रिहाई का इंतजार है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sun, 17 Apr 2016 11:41 AM (IST)Updated: Sun, 17 Apr 2016 01:23 PM (IST)
म्यांमार : वर्षों से  बंद राजनीतिक कैदियों की रिहाई पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

यांगून (पीटीआई)। म्यांमार सरकार ने 83 राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति टिन या ने शनिवार को कैदियों की रिहाई पर दस्तखत किए। हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद भी सैकड़ों लोग हैं जिन्हें अपनी रिहाई का इंतजार है। म्यांमार के राष्ट्रपति के मुताबिक इस फैसले से आम लोगों को राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने की कोशिश की जा रही है जो किसी न किसी वजहों से सैन्य सरकार के फैसलों का शिकार बन गए।

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एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि म्यांमार की जेलों में बंद ये लोग राजनीतिक कैदी थे। सरकार ने रिहाई का फैसला लेकर अच्छा कदम उठाया है। जिन कैदियों को रिहा किया गया है उनमें चार पत्रकार हैं और एक शख्स न्यूज पेपर यूनिटी जर्नल का कर्ताधर्ता था। इन लोगों को सैन्य सरकार ने कथित तौर पर मिलिट्री केमिकल वेपन्स के मामले में गिरफ्तार किया था।

इससे पहले आंग सान सू की ने सत्ता में आने के बाद 282 लोगों को या तो रिहा कर दिया था या उन लोगों पर से आरोपों को हटाने के निर्देश दिए थे। एक नवंबर को हुए आम चुनावों में नेशनल लीग फॉ डेमोक्रेसी ने दमदार ढंग से अपनी मौजूदगी दर्ज करायी थी। एनएलडी ने 2011 में चुनी गई अर्धसैन्य सरकार को करारी शिकस्त दी थी। हालांकि सेना का अभी भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों रक्षा, आंतरिक सुरक्षा और स्थानीय सरकार पर नियंत्रण है।


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