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यूरोप में शरण लेने वाले मुसलमान 'पापी'

मध्य-पूर्व में हिंसा से त्रस्त होकर यूरोप में शरण लेने वाले मुसलमानों को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने पापी करार दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2015 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2015 08:05 PM (IST)
यूरोप में शरण लेने वाले मुसलमान 'पापी'

दुबई । मध्य-पूर्व में हिंसा से त्रस्त होकर यूरोप में शरण लेने वाले मुसलमानों को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने पापी करार दिया है। संगठन ने दावा किया है कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे अपने बच्चों को नास्तिकता, ड्रग, शराब और सेक्स की राह पर धकेल रहे हैं। अपनी और अपने बच्चों की जिंदगी और रूह को अपवित्र कर रहे हैं।

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आतंकी संगठन की पत्रिका दाबिक में कहा गया है कि इस्लाम की जमीन छोड़कर अधर्मियों की जमीन पर जाना घोर पाप है। ऐसे लोग जिहाद की राह छोड़कर नास्तिक और अभद्र लोगों के पास जा रहे हैं। ऐसा करके वे अपने बच्चों को इस्लाम से दूर कर रहे हैं। पत्रिका में दावा किया गया है कि सीरिया से भागने वाले ज्यादातर लोग उन इलाकों से हैं जहां पर राष्ट्रपति बशर अल असद और कुर्द लड़ाकों का नियंत्रण है।

गौरतलब है कि इस साल हजारों लोग हिंसा से त्रस्त होकर जान जोखिम में डाल यूरोप पहुंचे हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर सीरिया, लीबिया और इराक से हैं। सीरिया और इराक के एक बड़े हिस्से पर आइएस का नियंत्रण है।

चीन और नार्वे के नागरिकों को छोड़ने के लिए मांगी फिरौती

आइएस ने दावा किया है चीन और नॉर्वे का एक-एक नागरिक उसके कब्जे में है। इन्हें छोड़ने के एवज में आतंकी संगठन ने फिरौती मांगी है। दावे को पुख्ता करने के लिए दोनों बंधकों की तस्वीर आइएस की पत्रिका दाबिक में जारी की गई है। इनकी पहचान नॉर्वे के ओले जोहान ग्रिम्सार्ड (48) और चीन के फेन जिंघुई (50) के रूप में हुई है। नॉर्वे की प्रधानमंत्री एना सोलबर्ग ने कहा कि वे अपने नागरिक की रिहाई के लिए फिरौती नहीं देंगी।

भारतीय मुस्लिम धर्मगुरुओं के फतवे का स्वागत

अमेरिका ने आइएस के खिलाफ भारत के एक हजार से अधिक मुस्लिम धर्मगुरुओं के फतवे का स्वागत किया है। फतवे में आइएस की करतूतों को 'गैर इस्लामी और अमानवीय' करार दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हेलेना व्हाइट ने कहा कि दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रखने वाले भारत के मुसलमानों के इस कदम को अमेरिका आइएस के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखता है।

खुफिया विश्लेषकों की रिपोर्ट से छेड़छाड़

अमेरिका के 50 से ज्यादा शीर्ष खुफिया विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट से छेड़छाड़ की शिकायत की है। रिपोर्ट सीरिया में आइएस और अल कायदा की शाखा के जमीनी हालात से जुड़ी थी। विश्लेषकों का कहना कि आतंकी संगठनों को खत्म करने की अमेरिकी रणनीति को धार देने के मकसद से तैयार की गई इन रिपोर्टो को शीर्ष अधिकारियों ने बदल दिया। डेली बीस्ट के अनुसार अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के महानिरीक्षक ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

निशाने पर हज

सुरक्षा विशेषज्ञों ने दुनियाभर से हज पर आने वाले मुसलमानों के आइएस के निशाने पर होने की आशंका जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार नए लड़ाकों को आकर्षित करने और अपने क्षेत्र का विस्तार करने के मकसद से आतंकी संगठन हज के दौरान मक्का और मदीना में अपनी गतिविधियां बढ़ा सकता है। हाल के महीनों में आतंकियों ने सऊदी अरब में कई हमलों को अंजाम दिया है। इस साल हज की शुरुआत 21 सितंबर से होगी और दुनियाभर के करीब 30 लाख मुसलमानों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है।

सीरियाई सेना के एयरबेस पर हमला

आइएस ने पूर्वी सीरिया के दीर अल जोर में सेना के एयरबेस पर हमला किया। दो कार बम धमाकों के बाद बुधवार को आतंकी यहां दाखिल हुए। शिन्हुआ के अनुसार आतंकियों ने एयरबेस पर कब्जा कर लिया है। संघर्ष में 90 सीरियाई सैनिक और 23 आतंकी मारे गए।

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