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मुस्लिमों ने छेड़ी इस्लाम को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने की मुहिम

पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद को लेकर छिड़ी बहस दुनियाभर में फैल गई है। आतंक के इस बर्बर चेहरे को देखने के बाद दुनियाभर के करोड़ो मुसलमान इस घटना की पुरजोर तरीके से निंदा करते हुए कह रहे हैं कि उनकी जिम्मेदारी है कि वो चरमपंथियों से

By Atul GuptaEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2015 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2015 01:33 PM (IST)
मुस्लिमों ने छेड़ी इस्लाम को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने की मुहिम

नई दिल्ली। पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद को लेकर छिड़ी बहस दुनियाभर में फैल गई है। आतंक के इस बर्बर चेहरे को देखने के बाद दुनियाभर के करोड़ो मुसलमान इस घटना की पुरजोर तरीके से निंदा करते हुए कह रहे हैं कि उनकी जिम्मेदारी है कि वो चरमपंथियों से इस्लाम की रक्षा करें।

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अमेरिका में रिपब्लिकन मुस्लिम कोलेशन की अध्यक्ष सबा अहमद एक अमेरिकी न्यूज चैनल पर अमेरिकी झंडे के स्कार्फ को हिजाब की तरह पहनकर पहुंची। सबा ने कहा कि कुछ लोग अपनी बदली हुई विचारधारा को सही ठहराने के लिए मजहब का गलत इस्तेमाल करते हुए इस्लामिक स्टेट और दूसरे चरमपंथी संगठनो का समर्थन करते हैं लेकिन उसका मेरे धर्म के प्रति मेरे विश्वास से कोई लेना देना नहीं है।

सबा ने साक्षात्कार के दौरान ये भी कहा कि मुसलमानों का दायित्व है कि वो अपनी आस्था के पक्ष में खड़े हों उन्होंने ये भी कहा कि इस्लामिक स्टेट नाम होने के बावजूद उन लोगों को धर्म से कोई लेना देना नहीं है। इस्लाम आतंकवाद और हिंसा का पुरजोर तरीके से विरोध करता है इसलिए हमें लगता है कि इस्लामिक स्टेट हमारा प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

पेरिस हमले के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर हैशटैग ‘टेरेरिज्म हैज नो रिलिजन’, ‘नॉट ऑल मुस्लिम’ और ‘नॉट इन माई नेम’ के साथ दुनियाभर के मुसलमानों ने इस घटना की जोरदार तरीके से निंदा की।
पाकिस्तान में रहने वाले इंजीनियर अवीस सत्ती का एक ट्वीट दुनियाभर में पसंद किया गया जिसमें उन्होंने कुरान की कुछ आयतों के साथ ट्वीट किया कि इस्लाम के समर्थक और एक इंसान होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम दुनियाभर में हो रही मासूम लोगों की हत्या का विरोध करें।

यही नहीं पेरिस हमले के बाद एक वीडियो दुनियाभर में फेसबुक और ट्विटर के जरिए वॉयरल हुआ था जिसमे एक व्यक्ति हमले वाली जगह पर मौजूद लोगों को गले लगाकर कह रहा है कि वे लोग मुसलमानों पर भरोसा रखे।
अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन के जनसंपर्क विभाग के निदेशक इब्राहिम हूपर ने कहा कि मुसलमानों को मस्जिदों में, लोगों के बीच में और ऑनलाइन चैनलों के जरिए इस्लामिक स्टेट के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने विश्वास को लोगों से बांटे ताकि कुछ लोगों को हम सही रास्ते पर वापस ला सकें।

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