मुशर्रफ ने अलकायदा-तालिबान पर कार्रवाई से किया था इन्कार
पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स का कहना है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने अलकायदा और तालिबान के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से इन्कार कर दिया था। यही नहीं उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकी समूहों को पुनर्जीवित करने के लिए उनके साथ सौदा भी किया था।
वाशिंगटन। पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स का कहना है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने अलकायदा व तालिबान के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से इन्कार कर दिया था। उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकी समूहों को पुनर्जीवित करने के लिए उनके साथ सौदा भी किया था।
गेट्स ने अपनी किताब 'ड्यूटी : मेमोयर ऑफ ए सेक्रेटरी ऑफ वॉर' में ये बातें लिखी हैं। छह सौ पन्नों की यह किताब अगले हफ्ते बाजार में आएगी। पूर्व रक्षा मंत्री ने लिखा, 'उन्होंने 2007 में मुशर्रफ से तीन तालिबानियों व कट्टरपंथी नेताओं को पकड़ने सहित कुछ विशेष आग्रह किए थे। साथ ही, तालिबान के क्वेटा व पेशावर स्थित मुख्यालयों को बंद करने की मांग की गई थी। लेकिन तत्कालीन पाकिस्तानी शासक ने कोई कार्रवाई नहीं की।'
इस्लामाबाद में 12 फरवरी, 2007 में मुशर्रफ से हुई मुलाकात का हवाला देते हुए वह लिखते हैं, 'मैंने उन्हें कार्रवाई की एक विशेष सूची सौंपी थी। हम चाहते थे कि पाकिस्तान इसे पूरा करे। हम इसे मिलकर पूरा कर सकते थे। अमेरिका अकेले भी इसको करने के लिए तैयार था। इस दौरान मुशर्रफ ने निजी तौर पर पाकिस्तान की विफलताओं को स्वीकारा और सीमा पर दिक्कतें बताई।'
गेट्स आगे लिखते हैं कि, मैंने जवाब में कहा, 'आपको हमें उनको आगाह करने की इजाजत देनी चाहिए। हम तालिबान पर घात लगाकर हमला करेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि मैं भी यही चाहता हूं'। सूची के अनुसार, मुशर्रफ से अफगान से सटी सीमा पर घुसपैठ वाले रास्तों पर रोक लगाने और निगरानी सहयोग को मजबूत करने को कहा गया था।
2006 से जुलाई 2011 तक रक्षा मंत्री रहे गेट्स ने कहा, 'मुशर्रफ ने बनावटी गंभीरता का दिखावा किया था। पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता सेना के हाथों में रहती है। मुशर्रफ ने नवंबर 2007 में सेना की कमान जनरल अशफाक कियानी के हाथों में सौंप दी थी'।
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