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साक्ष्यों के अभाव में बेनजीर हत्याकांड में बरी हो सकते हैं मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ साक्ष्यों के अभाव में बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में बरी हो सकते हैं। दरअसल, इस मामले में उन्हें फंसाने वाले अहम चश्मदीद गवाह अपने बयान से पलट गए हैं।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 09:58 AM (IST)
साक्ष्यों के अभाव में बेनजीर हत्याकांड में बरी हो सकते हैं मुशर्रफ

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ साक्ष्यों के अभाव में बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में बरी हो सकते हैं। दरअसल, इस मामले में उन्हें फंसाने वाले अहम चश्मदीद गवाह अपने बयान से पलट गए हैं।

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वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री भुट्टो की रावलपिंडी में उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह एक चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद एक पार्क से निकली थीं। उस समय 71 वर्षीय मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे लेकिन जनता के दबाव में उन्होंने 2008 में इस्तीफा दे दिया था। 2010 में उन पर भुट्टो की हत्या का आरोप लगाया गया।

डॉन अखबार ने बताया कि मुशर्रफ के खिलाफ यह आरोप चार चश्मदीद गवाहों पूर्व गृह सचिव सैयद कमाल शाह, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेल के पूर्व महानिदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जावेद इकबाल चीमा, पूर्व आइबी महानिदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एजाज शाह और अमेरिकी लॉबिस्ट मार्क सीगल के आधार पर लगाया गया था। इनमें से तीन पाकिस्तानी गवाहों में से दो पहले ही अपने बयान से मुकर गए हैं, जबकि अभियोजन पक्ष ने फैसला किया है कि एजाज शाह को गवाही के लिए नहीं बुलाया जाएगा क्योंकि उनकी गवाही की जरूरत नहीं है।

मुशर्रफ के वकील इलियास सिद्दीकी ने दावा किया है कि दोनों चश्मदीद शाह और चीमा ने गवाही में मुशर्रफ की ओर कोई इशारा नहीं किया है।

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