नहीं खोज पाए लापता मलेशियाई विमान के टुकड़े
मलेशिया के लापता विमान को खोज निकालने की कोशिशों को गहरा झटका लगा है। लापता विमान के जिन दो संभावित टुकड़ों की सुदूर दक्षिण हिंद महासागर में तैरती हुई तस्वीर को उपग्रह के जरिये उतारा गया था, उन्हें शुक्रवार को नहीं खोजा जा सके। पर्थ से 2,500 किमी दक्षिण पश्चिम सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में पूरे दिन पांच आस्ट्रेलियाई टोही विमान और एक पोत ने करीब 400 किमी के दायरे में समुद्र को मथा, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
पर्थ। मलेशिया के लापता विमान को खोज निकालने की कोशिशों को गहरा झटका लगा है। लापता विमान के जिन दो संभावित टुकड़ों की सुदूर दक्षिण हिंद महासागर में तैरती हुई तस्वीर को उपग्रह के जरिये उतारा गया था, उन्हें शुक्रवार को नहीं खोजा जा सके। पर्थ से 2,500 किमी दक्षिण पश्चिम सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में पूरे दिन पांच आस्ट्रेलियाई टोही विमान और एक पोत ने करीब 400 किमी के दायरे में समुद्र को मथा, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। आस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री वारेन ट्रस ने कहा, 'चूंकि उपग्रह की तस्वीर पांच दिन पुरानी है। लिहाजा संभव है कि विमान का मलबा माने जा रहे टुकड़े देखे गए स्थान से सैकड़ों किमी दूर बहकर समुद्र तल में दफन हो गए होंगे।'
दिन भर की खोजबीन से निराश ट्रस का कहना था, 'मेरे पास जो अंतिम रिपोर्ट है, उसके अनुसार आज कुछ भी पता नहीं चल सका। लेकिन विमान की खोज जारी रहेगी।' उनके मुताबिक, खराब मौसम और तस्वीर पुरानी होने से अभियान में कठिनाई आ रही है। उप प्रधानमंत्री ने कहा, 'समुद्र में अगर कोई चीज पांच दिन पहले तैरती दिखे तो उसके उसी स्थान पर होने का सवाल ही नहीं उठता। वह समुद्र तल में दफन हो गई होगी। इस दौरान वह सैकड़ों किमी दूर बहकर चली गई होगी। हो सकता है जिस चार सौ किमी के दायरे में हम खोज कर रहे हैं, उससे कहीं आगे निकल कर समुद्र तल में बैठ गई हो।'
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आस्ट्रेलियाई उपग्रह द्वारा सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में क्रमश: 24 मीटर और पांच मीटर लंबे दो टुकड़ों की तस्वीर उतारने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि अब लापता विमान की गुत्थी सुलझ सकती है। 8 मार्च को कुआलालंपुर से 239 सवारियों को लेकर बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाला मलेशियाई विमान एमएच 370 एक घंटे के भीतर ही लापता हो गया। तब से उसकी तलाश में 26 देशों के खोजी दस्ते लगे हुए हैं। भारत ने भी बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में उसकी तलाश के लिए अभियान चलाया। लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलने पर उसे बंद कर दिया गया।