सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में दिखे मलेशियाई विमान के टुकड़े
सिडनी। पांच भारतीयों समेत 239 सवारियों के साथ 8 मार्च से लापता मलेशियाई विमान के बारे में तेरहवें दिन कुछ सुराग मिलने की उम्मीद जगी है। एक आस्ट्रेलियाई उपग्रह ने सुदूर दक्षिण हिंद महासागर में गहरे समुद्र में तैरते दो ऐसे टुकड़ों की तस्वीर उतारी है, जिनके लापता विमान के अवशेष होने की उम्मीद जताई जा रही है। इन टुकड़ों के पर्थ से 2,500 किमी दक्षिण पश्चिम आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका और अंटार्कटिका के बीच पड़ने वाले दक्षिणी हिंद महासागर में 300-400 किमी की गहराई में होने की संभावना है।
सिडनी। पांच भारतीयों समेत 239 सवारियों के साथ 8 मार्च से लापता मलेशियाई विमान के बारे में तेरहवें दिन कुछ सुराग मिलने की उम्मीद जगी है। एक आस्ट्रेलियाई उपग्रह ने सुदूर दक्षिण हिंद महासागर में गहरे समुद्र में तैरते दो ऐसे टुकड़ों की तस्वीर उतारी है, जिनके लापता विमान के अवशेष होने की उम्मीद जताई जा रही है। इन टुकड़ों के पर्थ से 2,500 किमी दक्षिण पश्चिम आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका और अंटार्कटिका के बीच पड़ने वाले दक्षिणी हिंद महासागर में 300-400 किमी की गहराई में होने की संभावना है।
रायल आस्ट्रेलियन एयरफोर्स के कमाडोर जॉन मैक्गैरी के अनुसार, दोनों टुकड़ों में से एक की लंबाई 24 मीटर है जो लापता बोइंग विमान एमएच 370 के पंख का एक हिस्सा हो सकता है। बोइंग विमान के एक पंख की लंबाई तकरीबन 27 मीटर होती है।
आस्ट्रेलिया के समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण के जनरल मैनेजर जॉन यंग ने बताया, विमान की खोज की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। लेकिन अभी हम दावे के साथ नहीं कह सकते कि यह लापता विमान के ही टुकड़े हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविकता का पता लगाने के लिए एयरफोर्स का एक एपी-3सी ओरियन विमान संभावित स्थल पर पहुंच गया है। एक पोत भी मौके पर पहुंच गया है। कुछ विमानों को भी वहां भेजा जा रहा है। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने भी संसद को बताया कि विमान की खोज के मद्देनजर अहम सुराग हाथ लगे हैं। इस बारे में उन्होंने मलेशिया के अपने समकक्ष नजीब रज्जाक से चर्चा की है। लेकिन एबॉट का कहना है कि उपग्रह से देखे गए टुकड़ों की पहचान होना अभी बाकी है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद इस बारे में पुख्ता दावे किए जा सकते हैं।
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उनका कहना है कि समुद्र में जिस गहराई पर टुकड़े देखे गए हैं, वहां से मलबा और ब्लैक बॉक्स की बरामदगी एक चुनौतीपूर्ण काम है। जबकि वेस्टर्न आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी में समुद्र विज्ञान विभाग के प्रोफेसर चरिथ पत्तीयाराची ने कहा कि अगर देखे गए टुकड़े विमान के ही हैं तो इन्हें समुद्र के अंदर 300-400 किमी की गहराई पर होना चाहिए।