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क्षुद्रग्रहों की बमबारी से मंगल पर आया जीवन

मंगल ग्रह पर जीवन योग्य वातावरण के निर्माण को लेकर नई बात सामने आई है। एक अध्ययन के मुताबिक 3.9 अरब साल पहले क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं की बमबारी से लाल ग्रह पर जीवन संभव हुआ।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 06 Apr 2016 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 06 Apr 2016 09:31 PM (IST)
क्षुद्रग्रहों की बमबारी से मंगल पर आया जीवन

वाशिंगटन। मंगल ग्रह पर जीवन योग्य वातावरण के निर्माण को लेकर नई बात सामने आई है। एक अध्ययन के मुताबिक 3.9 अरब साल पहले क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं की बमबारी से लाल ग्रह पर जीवन संभव हुआ। इस प्रभाव से कम से कम कुछ समय तक मंगल ग्रह का वातावरण जीवन के योग्य बना रहा।

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अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो बोल्डर के प्रोफेसर स्टीफन मोजसिस ने कहा कि अगर मंगल अपने निर्माण के समय आज जैसा ही सूखा और ठंडा था, तो निश्चित ही इस बमबारी से इसका वातावरण बदला होगा। इस बमबारी से वहां के वातावरण में पर्याप्त गर्मी पैदा हुई होगी, जिससे वहां की बर्फ को पिघलने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि इस प्रभाव से मंगल पर हाइड्रोथर्मल सिस्टम बना होगा। यह सिस्टम ठीक वैसा हो सकता है, जैसा अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में है।

यहां कुछ ऐसे सूक्ष्म जीव हैं, जो उबलते पानी और नाखून को गला देने में सक्षम तेजाबी पानी में भी जीवित रह सकते हैं। मोजसिस ने कहा कि क्षुद्रग्रहों की इस बमबारी से वातावरण में पर्याप्त दबाव का भी अनुमान है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 3डी मॉडल का इस्तेमाल किया। मोजसिस ने कहा कि कोई भी मॉडल लगातार लंबे समय तक गर्म नहीं रह सका। इससे यह पता चलता है कि मंगल पर जीवन योग्य वातावरण कुछ समय तक ही रहा होगा।

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