आइएस लड़ाकों को डर, औरतों के हाथों मरने से नहीं मिलेगी जन्नत
दुनिया से सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लड़ाकों को सबसे ज्यादा डर किससे लगता है? लड़कियों से। जी हां! इन आतंकियों का मानना है कि यदि इनकी मौत किसी महिला सैनिक के हाथों हुई तो उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी।
सिर्ते। दुनिया से सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लड़ाकों को सबसे ज्यादा डर किससे लगता है? लड़कियों से। जी हां! इन आतंकियों का मानना है कि यदि इनकी मौत किसी महिला सैनिक के हाथों हुई तो उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी।
यह जानकारी कुर्दिश सेना की महिला टुकड़ी से मिली है। इराक और सीरिया से सटी सीमा पर ये महिला सैनिक तैनात हैं।
एक अग्रेजी चैनल से चर्चा में इस टुकड़ी की कमांडर 21 वर्षीय बेन बेडमैन ने कहा है कि आईएस के लड़ाकों का मानना है कि वे इस्लाम के नाम पर लड़ रहे हैं। इसी कारण उनके मन में यह खौफ बैठ गया है कि यदि किसी कुर्दिश महिला सैनिक के हाथों उनकी मौत हुई तो उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी।
बेडमैन की टीम की फाइटर 20 वर्षीय एफ्लीन से जब पूछा जाता है कि क्या होगा यदि आईएस के आतंकी उनकी टुकड़ी पर हमला करते हैं? इस पर एफ्लीन ठहाका लगाते हुए हंसती हैं और कहती हैं कि उनमें से कोई बचकर नहीं जाएगा। यह टुकड़ी अल-हौल इलाके में तैनात है।
कुर्दिश पिपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स में 50 हजार सैनिक हैं, जिनमें से 20 फीसदी महिला सैनिक हैं। यह कुर्द सेना सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रही है।