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सम्राट को पदमुक्त करने की ओर बढ़ा जापान, संसद में विधेयक पास

प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे अकिहीतो तकरीबन तीन दशक से सम्राट हैं। शुक्रवार को निचले सदन में पारित विधेयक सिर्फ मौजूदा सम्राट अकिहीतो पर ही लागू होगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 02 Jun 2017 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2017 08:20 PM (IST)
सम्राट को पदमुक्त करने की ओर बढ़ा जापान, संसद में विधेयक पास
सम्राट को पदमुक्त करने की ओर बढ़ा जापान, संसद में विधेयक पास

टोक्यो, एएफपी। जापान में सम्राट को शाही कामकाज से मुक्ति देने के लिए पहला और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। देश के निचले सदन ने सम्राट अकिहीतो को दायित्व निर्वाह से मुक्त करने के लिए पेश विधेयक पारित कर दिया है। अब इसे ऊपरी सदन के पास भेजा जाएगा। जापान के 83 वर्षीय सम्राट ने पिछले साल उम्र और शारीरिक अस्वस्थता का हवाला देकर शाही दायित्वों से मुक्ति की इच्छा जताकर सबको चौंका दिया था।

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प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे अकिहीतो तकरीबन तीन दशक से सम्राट हैं। शुक्रवार को निचले सदन में पारित विधेयक सिर्फ मौजूदा सम्राट अकिहीतो पर ही लागू होगा। पिछले 200 वर्षो में किसी भी सम्राट को पद से मुक्त करने का मामला नहीं आया है। सम्राट द्वारा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की इच्छा जताने के बाद सरकार भी सकते में थी क्योंकि जापान में ऐसा कोई कानून नहीं है। विशेष विधेयक लाकर सम्राट की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की इच्छा को पूरा करने का फैसला किया गया था। ऊपरी सदन से पारित होने के बाद विधेयक के अगले साल कानून बनने की उम्मीद है। प्रावधानों के तहत पद त्याग कानून पर तीन साल के अंदर अमल करना अनिवार्य होगा नहीं तो इसकी मियाद खत्म हो जाएगी।

नारुहितो हो सकते हैं अगले सम्राट

अकिहीतो के हटने के बाद क्राउन प्रिंस नारुहितो जापान के अगले सम्राट हो सकते हैं। नारुहितो की सिर्फ एक बेटी है, ऐसे में भविष्य में उनके छोटे भाई अकिशिनो और इसके बाद उनका 10 वर्षीय बेटा हिसाहितो उत्तराधिकारी होंगे। हालांकि, इससे दुनिया के सबसे पुराने शाही परंपरा में भविष्य में उत्तराधिकार का संकट गहराने की आशंका जताई गई है।

सरकारी समिति ने अप्रैल में शाही परिवार में पुरुष उत्तराधिकारी की गिरती संख्या को लेकर आगाह किया था। इसके अलावा शुक्रवार को पारित विधेयक में शाही परंपरा में महिला सदस्यों की भूमिका बढ़ाने की भी बात कही गई है। नियमानुसार शाही परिवार की महिला सदस्य के सामान्य लोगों से शादी करने पर मान्यता छिन जाती है। पुरुषों के संबंध में ऐसा नहीं है।

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