आइएस का फरमानः महिलाओं का इलाज करोगे तो कत्ल कर दिए जाओगे
सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अब एक और सनक भरा फरमान जारी किया है। इस फरमान के अनुसार, उन महिला अस्पतालों-क्लीनिकों को बंद करने को कहा है, जिनका संचालन पुरुष करते हैं या वहां पुरुष डॉक्टर हैं। आतंकी संगठन ने महिलाओं का इलाज करने
रक्का। सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अब एक और सनक भरा फरमान जारी किया है। इस फरमान के अनुसार, उन महिला अस्पतालों-क्लीनिकों को बंद करने को कहा है, जिनका संचालन पुरुष करते हैं या वहां पुरुष डॉक्टर हैं। आतंकी संगठन ने महिलाओं का इलाज करने वाले डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी भी दी है।
विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, आईएस ने कहा है कि पुरुष स्त्रीरोग विशेषज्ञ नहीं हो सकते। आतंकी संगठन ने हर कीमत पर महिला और पुरुष को अलग-अलग रखने की अपनी नीति के तहत यह फरमान जारी किया है।
सूत्रों के अनुसार, सीरिया के रक्का शहर में ऐसे सभी महिला क्लीनिक बंद हैं, जिनका संचालन पुरुषों के हाथ है। बड़े अस्पतालों में काम करने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या काफी कम हो गई है।
एक्टिविस्ट ग्रुप के सदस्य अबू अहमद ने बताया कि रक्का शहर आईएस की कत्लगाह बनता जा रहा है। अब तक तमाम डॉक्टर शहर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ पुरुष चिकित्सकों को मौत की धमकी दी गई है।
साल की शुरुआत में लीबिया में आईएस के नियंत्रण वाले इलाके के डॉक्टरों ने बताया था कि कैसे इस इलाके में मासूम बच्चियों को गर्भपात और यौन रोगों का सामना करना पड़ रहा है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने कहा कि यहां ऐसी लड़कियों को लाया जाता है, जिन्हें यह भी नहीं पता कि उनके साथ हो क्या रहा है।
डॉक्टर ने कहा कि हम देखते हैं कि कैसे लड़कियों के गुप्तांग से खून बहता रहता है। वह नहीं जानतीं कि सेक्स क्या होता है, वह तो गुड़ियों के साथ खेलते हुए यहां लाई जाती हैं।