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इराकी विश्वविद्यालय की लैब में बम बना रहा है आइएस

आइएस आतंकियों ने इराक के प्रतिष्ठित मोसुल विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के लैब को बम बनाने का अड्डा बना डाला है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 03 Apr 2016 06:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Apr 2016 07:21 PM (IST)
इराकी विश्वविद्यालय की लैब में बम बना रहा है आइएस

वाशिंगटन। इस्लामिक स्टेट (आइएस) का एक और खतरनाक चेहरा सामने आया है। आतंकियों ने इराक के प्रतिष्ठित मोसुल विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के लैब को बम बनाने का अड्डा बना डाला है। यहां पर रासायनिक बम और आत्मघाती हमलों में काम आने वाले जैकेट (सुसाइड वेस्ट) बनाए जा रहे हैं।

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अमेरिकी समाचारपत्र 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने इराकी और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट तैयार की है। विवि के लैब में पिछले साल से विस्फोटकों का निर्माण किया जा रहा है। विस्फोटकों और गोला-बारूद मामलों के शीर्ष इराकी अधिकारी जनरल हातेम मगसोसी के मुताबिक मोसुल विवि के प्रयोगशाला के चलते आइएस की इराक में हमले करने की क्षमता बढ़ी है। आतंकी यहां बम बनाने का तरीका सीखते हैं और फिर अपने देश जाकर कर इसका इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि इस लैब में पैराक्साइड और नाइट्राइट आधारित बम बनाए जाते हैं।

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जनरल मगसोसी ने इसे खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, 'मोसुल विवि का लैब आइएस का सबसे बेहतरीन शोध केंद्र है। आतंकी शुरुआत में रक्का (सीरिया) जाते हैं। इसके बाद उन्हें बम बनाने की कला सीखने के लिए मोसुल भेजा जाता है।' विवि के परिसर पर हवाई हमले भी किए जा चुके हैं। पिछला हमला 19 मार्च को किया गया था।

आइएस ने वर्ष 2014 में मोसुल पर कब्जा किया था। उस वक्त वहां विवि के कई प्रोफेसर मौजूद थे, लेकिन बाद में आइएस ने आतंकियों को रखना शुरू कर दिया। पिछले साल अगस्त में विवि के आसपास कई विदेशी दिखाई दिए थे। मार्च, 2015 से यहां बम बनाने का काम शुरू हुआ था।

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आइएस के नियंत्रण वाले शहर पर सेना का कब्जा

रूसी हवाई हमलों की मदद से सीरियाई सेना आइएस को लगातार एक बाद दूसरे इलाके से खदेड़ रही है। पल्मीरा को कब्जे में लेने के बाद सेना ने रविवार को अल-करातिन शहर को भी अपने नियंत्रण में कर लिया। यह ऐतिहासिक शहर से तकरीबन सौ किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। सुरक्षाबल कई दिशाओं से घुसे थे। फिलहाल बारूदी सुरंग को हटाने का काम चल रहा है। यह शहर पहाड़ी से घिरी है, जिसे सीरियाई सेना ने अपने नियंत्रण में कर लिया था।

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