Move to Jagran APP

आइएस ने बोस्निया में बनाया आतंकी अड्डा

आइएस अरब देशों से बाहर यूरोप में भी आतंकी अड्डा बनाने की तैयारियों में जुटा है। इसी क्रम में पश्चिमी देशों में तबाही मचाने के लिए बोस्निया (यूरोप) के एक गांव में आतंकी संगठन ऐसा ही ठिकाना बना भी चुका है।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2015 08:27 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2015 09:12 PM (IST)
आइएस ने बोस्निया में बनाया आतंकी अड्डा

लंदन। आइएस अरब देशों से बाहर यूरोप में भी आतंकी अड्डा बनाने की तैयारियों में जुटा है। इसी क्रम में पश्चिमी देशों में तबाही मचाने के लिए बोस्निया (यूरोप) के एक गांव में आतंकी संगठन ऐसा ही ठिकाना बना भी चुका है।

loksabha election banner

रविवार को 'संडे मिरर' समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बोस्निया के सुदूर पहाड़ी इलाके में स्थित गांव ओस्वे आइएस के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। बताया जाता है कि पिछले कुछ महीनों में इस गांव में प्रशिक्षित 12 लड़ाकों को आइएस की ओर से लड़ने के लिए सीरिया भेजा गया था जिनमें पांच मारे गए। सुरक्षा विश्लेषकों की नजर में आइएस आतंकी बोस्निया के इस इलाके का इस्तेमाल प्रशिक्षण शिविर के तौर पर कर रहा है। पश्चिमी देशों पर आतंकी हमले करने के लिए भी इसका प्रयोग करने की आशंका जताई गई है।

रिपोर्ट में इस जगह को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है। यह इलाका भूमध्यसागर के करीब है, जिसका आइएस आतंकी इस्तेमाल करते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ओस्वे गांव से बड़ी संख्या में लोग सीरिया जा चुके हैं। यह सिलसिला अब भी जारी है। उनके मुताबिक उस इलाके में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो जिहाद के लिए तैयार न हो। अखबार का कहना है कि पहाड़ी पर स्थित यह गांव जीपीएस के दायरे से भी बाहर है, लिहाजा वहां की जानकारी जुटा पाना बहुत मुश्किल है।

माना जाता है कि कुख्यात आतंकी और आइएस समर्थक हारुन मेहिसेविक ने इस इलाके में जमीन खरीदी है। इसके अलावा सीरिया में आइएस के लिए लड़ रहे जैसिन रिजविक और उस्मान केकिक के भी यहां जमीन लेने की बात कही जा रही है। ग्रामीण इस इलाके को आतंकियों का अड्डा बताते हैं।

आइएस के खिलाफ अमेरिका की मदद करे ब्रिटेन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने सीरिया में आइएस को तबाह करने के लिए अमेरिका का भरपूर सहयोग करने की बात कही है। संसद से मंजूरी नहीं मिलने के चलते ब्रिटेन सैन्य अभियान का हिस्सा नहीं बन सका है। सीरिया में उसकी भूमिका सिर्फ निगरानी और खुफिया सूचना जुटाने तक ही सीमित है।

[साभार- नई दुनिया]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.