मोसुल में रासायनिक हथियारों का जखीरा जुटा रहा आइएस
उन्होंने बताया कि शहर के पुराने हिस्से में आत्मघाती दस्ते की तैनाती की गई है। इनमें बच्चे भी हैं। अगवा की गई महिलाओं को आतंकियों के हवाले करते हुए इनका इस्तेमाल बचाव के लिए काफिले में करने का आदेश दिया गया है।
जिनेवा, रायटर : इराक में अपने गढ़ मोसुल को बचाने के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) सभी तरीके आजमा रहा है। शहर के रिहायशी इलाकों में आतंकी अमोनिया और सल्फर का भंडार इकट्ठा कर रहे हैं। इनका इस्तेमाल सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए रासायनिक हथियार के तौर पर किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि शहर के पुराने हिस्से में आत्मघाती दस्ते की तैनाती की गई है। इनमें बच्चे भी हैं। अगवा की गई महिलाओं को आतंकियों के हवाले करते हुए इनका इस्तेमाल बचाव के लिए काफिले में करने का आदेश दिया गया है। मोसुल और उसके आसपास के इलाकों में इस हफ्ते भी आतंकियों ने कई लोगों की हत्याएं की है। हम्माम अल अलीली के एक सामूहिक कब्र से सौ से ज्यादा लाशें मिली है।
इराक के 295 पूर्व सैनिकों को आइएस ने किया अगवा
सेना की मदद के आरोप में आतंकी सामूहिक नरसंहार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। शमदासानी ने बताया कि लड़ाई के मैदान से भागने वाले अपने कुछ सदस्यों की भी आइएस ने हत्या की है। मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी है और इसका इस्तेमाल करने वालों की भी हत्या की जा रही है।
गौरतलब है कि आइएस ने जून 2014 में मोसुल पर कब्जा कर लिया था। इस शहर को मुक्त कराने का अभियान इराकी सेना ने 17 अक्टूबर को शुरू किया था। कुर्द, शिया, कबायली बलों और अमेरिकी गठबंधन की मदद से सेना पूर्वी हिस्से से शहर में दाखिल होने में कामयाब हो चुकी है। शहर में करीब पांच हजार आतंकियों के होने का अनुमान है।