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ईरान के वैज्ञानिकों को मारना चाहते हैं फ्रांस-जर्मनी

ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने के लिए फ्रांस व जर्मनी की खुफिया एजेंसियां सीआइए की मदद कर रही हैं। ईरान के खुफिया प्रमुख हैदर मोसलेही के इस आरोप के बाद उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर तेहरान और पश्चिमी देशों के बीच और तनाव बढ़ गया है।

By Edited By: Published: Sat, 07 Jul 2012 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2012 07:18 PM (IST)
ईरान के वैज्ञानिकों को मारना चाहते हैं फ्रांस-जर्मनी

तेहरान। ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने के लिए फ्रांस व जर्मनी की खुफिया एजेंसियां सीआइए की मदद कर रही हैं। ईरान के खुफिया प्रमुख हैदर मोसलेही के इस आरोप के बाद उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर तेहरान और पश्चिमी देशों के बीच और तनाव बढ़ गया है।

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मोसलेही ने कहा कि ईरान के कट्टर दुश्मन इजरायल सहित इस क्षेत्र की अन्य खुफिया एजेंसियां वैज्ञानिकों को निशाना बनाए जाने के अभियान में भाग ले रही हैं। उन्होंने बताया, 'हाल ही में हत्या व बम विस्फोट के जो नेटवर्क ध्वस्त किए गए हैं, उनका इनका साथ समन्वय था। फ्रांस, जर्मनी, इजरायल की मोसाद, सीआइए, एमआइ-6 व सभी क्षेत्रीय खुफिया एजेंसियां एक दूसरे की सहायता कर रही हैं।'

इससे पहले ईरान सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन व इजरायल पर ही अपने पांच परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का आरोप लगाता था। इस वर्ष से पहले उसने कहा था कि उन दो नेटवर्को को ध्वस्त कर दिया गया है, जो कम से कम पांच हत्याओं के लिए जिम्मेदार थे।

सबसे हालिया मामले में, जनवरी 2012 में एक कार को चुंबकीय बम से उड़ाकर परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या कर दी गई थी। अमेरिका व ब्रिटेन ने ईरानी परमाणु विशेषज्ञों की हत्या में शामिल होने से इन्कार किया है, जबकि इजरायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

एक सप्ताह पहले ईरान ने कहा था कि जासूसी के आरोपों में उसने दो अजरबैजानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है और हालिया महीनों में उसने पड़ोसी देशों पर इजरायल के गुर्गो को शरण देने का आरोप लगाया था। शुक्रवार की नमाज के बाद मोसलेही ने कहा था कि क्षेत्र के अन्य देश इस अभियान में लिप्त हैं, लेकिन उन्होंने अजरबैजान का नाम नहीं लिया था।

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