भारतीय वैज्ञानिक को लेमेल्सन-एमआइटी पुरस्कार
पुरस्कार के तहत उन्हें पांच लाख डॉलर (करीब 3.35 करोड़ रुपये) मिलेगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल के वैज्ञानिक रमेश रासकर को प्रतिष्ठित लेमेल्सन-एमआइटी पुरस्कार मिला है। रमेश को आम आदमी की जिंदगी बेहतर करने वाली कई खोजों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार के तहत उन्हें पांच लाख डॉलर (करीब 3.35 करोड़ रुपये) मिलेगा।
नासिक में जन्मे 46 वर्षीय रमेश एमआइटी (मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी) में प्रोफेसर हैं। रमेश के नाम 75 से ज्यादा पेटेंट हैं। वह फेम्टो फोटोग्राफी समेत कई रेडिकल इमेजिंग सोल्यूशन्स के सह खोजकर्ता हैं। फेम्टो फोटोग्राफी अल्ट्रा फास्ट इमेजिंग सिस्टम है जिसमें हर कोण से देखा जा सकता है।
सालाना लेमेल्सन-एमआइटी पुरस्कार के लिए उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जो दुनिया को बेहतर करने के लिए तकनीकी खोज करते हैं। लेमेल्सन-एमआइटी प्रोग्राम की कार्यकारी निदेशक स्टेफनी काउच ने कहा, 'रमेश रासकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वह खोजकर्ता, शिक्षाविद और बदलाव के पक्षधर हैं।'
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