मसूद अजहर को काली सूची में डलवाने यूएन पहुंचा भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने की मांग की है। आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद को 15 साल पहले ही काली सूची में डाला जा चुका है।
संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने की मांग की है। आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद को 15 साल पहले ही काली सूची में डाला जा चुका है। भारत ने 18 फरवरी को सुरक्षा परिषद को नई सूची सौंपी है। इसमें 11 आतंकी और एक संगठन का नाम शामिल है। मसूद जैश का सरगना है।
भारत इससे पहले भी मसूद अजहर का नाम काली सूची में डालने की मांग कर चुका है। लेकिन, चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर उसे बेअसर कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को अलकायदा प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष न्यूजीलैंड के राजदूत गेरार्ड जैकब्स वान बोयमेन को पत्र लिखा है।
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पठानकोट हमले में मसूद अजहर की संलिप्तता के ठोस प्रमाण भी सौंपे गए हैं। अकबरुद्दीन ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने लिखा, 'यूएन के सदस्य देशों और उसके नागरिकों को जैश जैसे आतंकी संगठनों से सुरक्षा प्रदान करना समिति की पहली जिम्मेदारी है। मसूद अजहर को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने से वैश्विक समुदाय के आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता साबित होगी। साथ ही भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।'
भारत ने साथ ही पठानकोट हमले के बाद जैश आतंकियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई की भी बात भी मानी है। मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलेआम रैलियां आयोजित करता है।
पाकिस्तान के लिए मुसीबत है जैश
इस्लामाबाद, आइएएनएस: पाकिस्तानी मीडिया ने प्रतिबंधित जैश-ए-मुहम्मद को देश के लिए मुसीबत करार दिया है। समाचार पत्र 'द नेशन' के मुताबिक, जैश पाकिस्तान के लिए शर्म और चिंता का सबब बना हुआ है।
इस संगठन ने एक बार फिर से सीमा पार हमला कर देश पर दबाव बढ़ाया है। अब मसूद अजहर और उसके आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बाहरी ताकतें दबाव डालने लगी हैं।