पाकिस्तान पहुंचते ही JIT ने पठानकोट हमले के सबूत को नकारा
हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान की बदनीयती सामने आई है। पठानकोट हमले की जांच कर लौटी पाकिस्तान की ज्वाइंट इनवेस्टीगेशन टीम (जेआइटी) ने भारत के दिए सुबूतों को नकार दिया है।
इस्लामाबाद। हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान की बदनीयती सामने आई है। पठानकोट हमले की जांच कर लौटी पाकिस्तान की ज्वाइंट इनवेस्टीगेशन टीम (जेआइटी) ने भारत के दिए सुबूतों को नकार दिया है।
जेआइटी ने दावा किया कि हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ होने को लेकर भारत पर्याप्त सुबूत देने में नाकाम रहा है। जेआइटी का कहना है कि कम समय में हमले के सुबूत जुटाना मुश्किल था।
जिओ न्यूज ने जेआइटी के करीबी सूत्रों के हवाले से शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को एयरबेस में मुख्य द्वार के बजाए छोटे रास्ते से अंदर ले जाया गया। उनका दौरा सिर्फ 55 मिनट का था। इतना समय तो केवल एयरबेस में प्रवेश के लिए पर्याप्त था, जांच के लिए नहीं।
खबर में कहा गया है कि इतने कम समय में जेआइटी साक्ष्य नहीं एकत्र कर सकी। जेआइटी सदस्यों ने 29 मार्च को पठानकोट एयरबेस का दौरा किया। वहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अधिकारियों ने उन्हें हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकियों का हाथ होने के बारे में पुख्ता जानकारी दी। हमलावर जहां से एयरबेस के अंदर दाखिल हुए थे, वह रास्ता भी दिखाया। भारत में पांच दिन तक रहने के बाद पाकिस्तानी जांच दल शुक्रवार को ही इस्लामाबाद लौट गया था।
भारत प्रवास के दौरान एनआइए ने जेआइटी को हमले में पाकिस्तानी हाथ होने से जुड़े सारे साक्ष्य मुहैया कराए। हमले में मारे गए चार आतंकियों के डीएनए सैंपल, उनकी पहचान और जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता दर्शाने के लिए पर्याप्त आतंकियों के बीच हुई बातचीत का कॉल डिटेल भी सौंपा।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि हमले की पूर्व संध्या पर पठानकोट एयरबेस परिसर की 24 किलोमीटर लंबी दीवार में रोशनी प्रबंध की दिक्कत थी। हालांकि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी टीम को सिर्फ बीएसएफ और भारतीय बलों की लापरवाही की सूचना दी गई।
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