भारत और अमेरिका ने जताई इच्छा, यूरोपीय संघ में ही बना रहे ब्रिटेन
भारत और अमेरिका, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने के पक्षधर हैं। दोनों देश अपने हितों की रक्षा के लिए ऐसा चाहते हैं।
ब्रसेल्स, प्रेट्र। भारत और अमेरिका, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने के पक्षधर हैं। दोनों देश अपने हितों की रक्षा के लिए ऐसा चाहते हैं। भारतीय पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यूरोपीय संसद के वरिष्ठ सदस्य और ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी के नेता ज्योफ्री वान ओर्डन ने यह बात कही है।
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ईयू से अलग होने को लेकर ब्रिटेन में 23 जून को जनमत संग्रह होना है। इसको लेकर ब्रिटेन व ईयू के सदस्य देशों के बीच बेचैनी देखी जा सकती है। ओर्डन के मुताबिक ब्रिटेन अलग होने से ईयू को तगड़ा झटका लगेगा। वह ईयू में भारतीय मामलों के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि यूरोपीय संसद में जो कुछ भी होता है, उनमें से 80 फीसद बातों का मैं विरोध करता हूं। मेरा दिल ईयू को छोड़ने की बात करता है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ गंभीर वजहों के चलते कोई भी ऐसा कहने से हिचकता है।
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ईयू से निकलने की स्थिति में ब्लॉक के साथ आर्थिक संबंधों का तालमेल बनाए रखना कतई आसान नहीं होगा। इससे भी महत्वपूर्ण है कि भारत समेत कोई भी राष्ट्रमंडल देश ब्रिटेन को ईयू से अलग होने को नहीं कह रहा है। यहां तक की अमेरिका भी ऐसा नहीं चाहता है। भारत और अमेरिका अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के हिमायती है।'
बकौल ओर्डन, ईयू से अलग होने पर ब्रिटेन निवासी की राय अलग है। फिलहाल दोनों पक्षों में संतुलन की स्थिति है। जनमत संग्रह के दिन कुछ भी हो सकता है।