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हिरोशिमा हमला इतिहास का 'टर्निग प्वाइंट'

लंदन। दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु हमले को आधुनिक इतिहास का अकेला सबसे बड़ा टर्निग प्वाइंट माना गया है। एक हजार से अधिक ब्रिटिश युवाओं के बीच हुए सर्वे में कहा गया कि हिरोशिमा और नागासाकी पर वर्ष 1

By Edited By: Published: Sun, 09 Dec 2012 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2012 06:42 PM (IST)
हिरोशिमा हमला इतिहास का 'टर्निग प्वाइंट'

लंदन। दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु हमले को आधुनिक इतिहास का अकेला सबसे बड़ा टर्निग प्वाइंट माना गया है। एक हजार से अधिक ब्रिटिश युवाओं के बीच हुए सर्वे में कहा गया कि हिरोशिमा और नागासाकी पर वर्ष 1945 में छह और नौ अगस्त को इस्तेमाल किए गए नाभिकीय हथियार की घटना प्रथम विश्व युद्ध और साम्यवाद के पतन जैसी तमाम घटनाओं से ज्यादा बड़ी है।

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शोधार्थियों ने पाया कि चार लोगों में से एक से ज्यादा व्यक्ति ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और दो शहरों में परमाणु बम फेंकने की घटना को बड़ा माना है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद 16 फीसदी लोगों ने 11 सितंबर को दूसरी महत्वपूर्ण घटना माना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान के दो शहरों पर परमाणु हमले में लगभग डेढ़ से दो लाख लोग मारे गए थे। युवाओं के लिए 'लव टू लर्न' नामक वेबसाइट ने 'टर्निग प्वाइंट्स इन माडर्न हिस्ट्री' की खोज के लिए नया ऑनलाइन कोर्स जारी किया है। इस कोर्स में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान आर्कड्यूक फ्रेंज फर्दीनांद की हत्या के कारण और उसके प्रभाव के अलावा पांच ऐतिहासिक टर्निग प्वाइंट के बारे में जानकारी दी गई है।

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