12 लाख रुपये तक बढ़ सकता एच-1बी वीजाधारकों का वेतन
अमेरिका के श्रम मंत्री ने विदेश से आने वाले एच-1बी वीजाधारकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग की है। इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी मिलने में आसानी होगी।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका के श्रम मंत्री अलेक्जेंडर अकोस्टा ने विदेश से आने वाले एच-1बी वीजाधारकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि इन वीजाधारकों का न्यूनतम वेतन 60,000 डॉलर (करीब 38.75 लाख रुपये) से बढ़ाकर 80,000 डॉलर (करीब 51.62 लाख रुपये) किया जाना चाहिए।इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी मिलने में आसानी होगी।
अकोस्टा के अनुसार, अमेरिकियों की तुलना में कम वेतन के कारण ही आइटी कंपनियां विदेश से एच-1बी वीजा पर आए लोगों को नौकरी में तरजीह देते हैं। श्रम, स्वास्थ्य और मानव सेवाओं पर गठित सीनेट की उपसमिति के समक्ष अकोस्टा ने कहा, 'कांग्रेस ने लंबे समय से 60,000 डॉलर की इस सीमा को नहीं बदला है। अगर केवल महंगाई की दर के हिसाब से भी देखा जाए तो इसे 80,000 डॉलर होना चाहिए था। अगर इसे बढ़ाया गया तो बहुत सी ऐसी स्थितियां, जिसका आप जिक्र कर रहे हैं, खत्म हो जाएंगीं।'
अकोस्टा सीनेटर रिचर्ड डरबिन के उस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिसमें डरबिन ने अमेरिकी कर्मचारियों को हटाए जाने और उन्हें अपनी जगह विदेशी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए मजबूर किए जाने की बात कही थी।